बलौदा बाजार

6 साल पुरानी रेल परियोजना को मिली गति
30-Mar-2023 6:47 PM
6 साल पुरानी रेल परियोजना को मिली गति

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बलौदाबाजार, 30 मार्च। खरसिया, बलौदाबाजार, नया रायपुर, दुर्ग रेल लाइन निर्माण की प्रक्रिया अब काफी आगे बढ़ चुकी है। लंबित प्रक्रिया के बाद राज्य सरकार ने आखिरकार संशोधित डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) पर अपनी सहमति देकर इसे दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे को सौंप दिया है। वहां से यह रेल मंत्रालय जाएगा। फिर नीति आयोग के पास स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा। उसके बाद भू अर्जन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। केंद्र और राज्य के सहयोग से बनने वाली इस परियोजना की लागत 8250 करोड़ है। खरसिया से शुरू होकर शिवरीनारायण, बलौदाबाजार, खरोरा नया रायपुर होते हुए परमलकसा तक 325 किमी लंबी रेल लाइन बिछाई जाएगी।

करीब 6 साल पहले इस नए ट्रैक का प्रस्ताव केंद्र सरकार ने बजट में लाया था। इससे सीमेंट, कोयला और इस्पात के परिवहन करने वाले उद्योगों को लाभ होने के साथ ही जनता को सस्ती खिलाफ रेल यात्रा देने की बात कही गई थी। इस रेल लाइन के निर्माण के लिए रेल मंत्रालय की सैद्धांतिक सहमति 2017 को मिली थी। इसके बाद सर्वे किया गया। दोनों में रेल ट्रैफिक दबाव को ध्यान में रखते हुए खरसिया, बलौदाबाजार, नया रायपुर, रसमड़ा रेल लाइन के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार कर भारतीय रेलवे बोर्ड व रेल मंत्रालय को जुलाई 2018 को परियोजना स्वीकृति के लिए प्रेषित किया गया।

6 साल पुरानी रेल परियोजना को मिली गति रेल मंत्रालय से स्वीकृति के बाद किया जाएगा जमीन अधिग्रहण, रिपोर्ट दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे को भेजी, जिले के 35 गांव से गुजरेगी रेल लाइन। इससे सीमेंट, कोयला और इस्पात उद्योगों को होगा लाभ।

8250 करोड़ रुपए की है नई रेल लाइन बिछाने की योजना, 2017 में सबसे पहले बनी थी रेल लाइन की योजना, 2019 में नई राज्य सरकार का अनुमोदन लेने लौटा था प्रस्ताव, 2022 में राज्य सरकार ने सहमति देकर दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे को भेजा।

दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के प्रस्ताव पर सीआरसीएल बोर्ड की सहमति के पुनरीक्षित डीपीआर बनाया गया था। इसके बाद पुनरीक्षित विस्तृत परियोजना रिपोर्ट छत्तीसगढ़ शासन के अनुमोदन के लिए पिछले साल के सितंबर में भेजी गई। इसकी एक प्रति दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे को नवंबर 2022 में देखने के लिए भेजी गई थी। छत्तीसगढ़ शासन से स्वीकृति मिलने के बाद इसे रेलवे बोर्ड और रेल मंत्रालय को भेजा गया है। अब काम को आगे बढ़ाने में जनप्रतिनिधियों की भूमिका महत्वपूर्ण होगी।

नहीं राज्य सरकार के अनुमोदन के लिए वापस आ गया था प्रस्ताव

2018 में प्रदेश की सरकार बदलने के बाद नहीं सरकार से अनुमोदन की आवश्यकता रेलवे बोर्ड को फिर से पड़ी तो इसे उक्त परियोजना रिपोर्ट का परियोजना प्रस्ताव अनुमोदन के लिए 2019 मे वापस भेज दिया था। भारतीय रेलवे बोर्ड को छत्तीसगढ़ सरकार के अनुमोदन का इंतजार था। चूकि अब छत्तीसगढ़ सरकार से अनुमोदन मिलने के बाद छत्तीसगढ़ रेल कारपोरेशन लिमिटेड को रेल मंत्रालय की स्वीकृति जल्द ही मिलने की संभावना व्यक्त की जा रही है।

केंद्र और राज्य निभाएंगे अपनी भागीदारी

उल्लेखनीय है कि जो जिला मुख्यालय व पलारी तहसील के 35 गांव से होकर गुजरेगी। परियोजना ने केंद्र और राज्य सरकार अपनी अपनी भागीदारी निभाएंगे। निर्माण लागत लगभग 4250 करोड़ एवं कुल लागत 8250 करोड रुपए होगी। इसमें भूमि की लागत परियोजना निर्माण अवधि में लागत पर ब्याज एवं अन्य लागत शामिल हैं।

पीपीपी मॉडल से किया जाएगा काम

परियोजना को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत क्रियान्वित किया जाएगा ताकि ट्रक बनाने में आने वाले खर्च का बोझ कम हो सके। अफसर इसके लिए कोशिश कर रहे हैं। औद्योगिक संस्थानों सीमेंट संयंत्रों की इस्पात कंपनियों से निवेश के लिए लगातार चर्चा भी कर रहे हैं। निवेशक मिलने की उम्मीद की जा रही है।

रेलवे ट्रैफिक और क्रॉसिंग कम होंगे

तकनीकी समस्याओं को देखते हुए छत्तीसगढ़ रेलवे कारपोरेशन द्वारा रेल मार्ग में आंशिक संशोधन किया गया। अब इसका रूट खरसिया से शुरू होकर शिवरीनारायण बलौदाबाजार थोड़ा नया रायपुर होते हुए परमलकसा तक होगा 325 किमी लंबी होते हुए सही से खर्च और परेशानी दोनों कम होंगे नए रूट में रेलवे क्रॉसिंग नहीं आएंगे तकनीकी समस्याएं भी कम होगी इससे लागत में भी कमी आएगी।

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