कोरिया

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर 24 अपै्रल। अतिक्रमण के उद्देश्य से जंगल में स्थित बड़े-बड़े साल के पेड़ों को तेजी से काटा जा रहा है, बीतेे एक सप्ताह में रामगढ़ के जंगलों में कई दर्जन पेड़ों की बलि चढ़ा दी गई है। हैरानी की बात यह कि वन विभाग सब जानते हुए भी इस पर रोक लगाने में अक्षम नजर आ रहा है। पहले पेड़ों को नीचे से चिन्हाकित कर लिया जाता है, बाद में उसे काट कर गिरा दिया जाता।
कोरिया जिले के कोरिया वनमंडल अंतर्गत सोनहत रेंज में रामगढ़ और चुलादर के बीच कक्ष क्रमांक 191 और उसके आसपास कई दर्जन साल के पेड़ों का काट डाला गया है। वर्षों पुराने बेहद लंबे और मोटे मोटे पेड़ों को काट कर गिरा दिया गया, इस क्षेत्र में साल के पेड़ों के बीच ठूंठों की भरमार है, यहां हर दिन पेड़ों की कटाई जारी है।
‘छत्तीसगढ़’ इस स्थान पर पहुंचा तो हैरान रह गया, कई फीट लंबे पेड़ों को पहले नीचे की ओर से चारो ओर से काट कर चिन्हाकित किया गया है, जिससे उन्हें काटा जाने की तैयारी है और दर्जनों बड़े बड़े पेड़ों का काट कर नीचे गिराया गया है। काटे गए पेड़ों के ठंूठ में वन विभाग द्वारा पीओआर किए जाने के निशान नहीं है, यदि विभाग पीओआर करता है तो काटे गए ठूंठ पर हैमर चला कर निशान अंकित करता है, परन्तु ऐसा नहीं किया गया है। इससे साफ है कि महीनों से इस ओर विभाग को कोई लेना देना नहीं है और जंगलों में अंधाधूंध पेड़ों की कटाई जारी है।
वन विभाग को इसकी पूरी जानकारी है परन्तु अवैध कटाई पर रोक के लिए विभाग ने अब तक कोई पहल नहीं की है। विभाग को अवैध कटाई के रोकने और काटे गए पेड़ों की लकड़ी जब्त करने में उदासीनता दिखाई जा रही है।
अतिक्रमण के लिए कटाई
वन अधिकार के लिए नए अतिक्रमण जारी है, रेगूलर के जंगलों में कुछ ही क्षेत्र बचा है, जहां अतिक्रमण नहीं हुआ है, बीते 4 वर्षों से बचे जंगल मेंं अब पेड़ों को काट कर अतिक्रमण का काम जारी है। यही कारण है कि पेड़ों को काट कर अपने हिस्से की भूमि का समतल किया जा रहा है। यहां तक कि वन क्षेत्र में मजदूरों की बिना किसी सुविधा में मनरेगा के कार्य करवाए जा रहे है, उसी के आसपास दर्जनों पेड़ों को काटा गया है। ताकि नया कब्जा हासिल किया जाए।