बलौदा बाजार

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 24 मई। राज्य में गांव गरीब किसानों और गोपालकों की भाजपाई पचा नहीं पा रहे हैं। छत्तीसगढ़ में धान कटाई के बाद उनहारी बोयी जाती हैै। उन्हारी के बाद गर्मी के समय मवेशी को खुला छोड़ देने की परंपरा है। भाजपाई आज भी छत्तीसगढिय़ा परंपरा से अनजान हैंं, जो गर्मी के मौसम में गौठानों में जा रहे हैं।
गरीब और कृषि श्रमिकों सहित ग्रामीणों के अतिरिक्त आमदनी का जरिया बने गोधन न्याय योजना का विशेषकर भाजपाई अपने सामंतवादी चरित्र को एक बार फिर प्रमाणित कर रहे हैं। उक्त बातें बलौदाबाजार कांगे्रस जिला अध्यक्ष हितेंद्र ठाकुर ने भाजपा द्वारा गोधन न्याय योजना के खिलाफ अभियान पर पलटवार करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि भूपेश सरकार ने छत्तीसगढ़ में विगत साढ़े 3 साल में 10624 गौठान बनाए हैं, जिनमें से 5709 गौठान अब स्वावलंबी बन चुके हैं। योजना के अंतर्गत कोई भी राशि का भुगतान नगद रूप में नहीं होता है। प्रत्येक 15 दिन में हितग्राहियों के बैंक खाते में राशि का अंतरण होता है, पूरी पारदर्शिता है।
उन्होंने कहा कि भाजपा के लोग दरअसल गौठान योजना की अवधारणा को समझ नहीं पा रहे हैं। इस योजना के तहत अपनी पुरानी परंपरा को पुनर्जीवित कर लोगों में गौठान में गायों की सुरक्षा के लिए जागरूक करना है और इससे लोग गऊमाता की सुरक्षा के प्रति सचेत भी हुए हैं। 15 साल रमन राज्य के कुशासन में भाजपा नेताओं के द्वारा संचालित फर्जी गौशालाओं को हर साल करोड़ों का अनुदान लगातार दिया। जाता था जहां अनुदान घट कर चारा पानी के बिना गाये मर जाती थी। सेठ फूलचंद गौशाला शगुन गौशाला मयूरी गौशाला जैसे अनेकों उदाहरण हैं। 15 साल भाजपा के कुशासन में गांव की घास जमीन मवेशियों के चारागाह की जमीन भू माफियाओं के साथ मिलीभगत करके भाजपाई हड़प लिए कभी औषधि खेती कभी रतनजोत तो कभी उद्योग लगाने का सपना दिखाकर चारागाह भूमि पर कब्जा करने वाले भाजपाइयों को गौठानों के लिए संरक्षित जमीन पर आपत्ति करने का नैतिक अधिकार नहीं हैै।
बलौदा बाजार जिले के कई गौठान आत्मनिर्भर हो गए हैंं, जिसमें पुरैना खपरी हरिन भ_ा गिर्रा गुलेलिया कढ़ार रोहरा किरवई छरछेद पनगांव लटुवा आदि हैं। जिले के कई गौठानों में रीपा के तहत गोबर से पेंट ब्रिक्स मसाला पेपर स्टेशनरी सीमेंट के पोल हथकरघा जैसे कामों को किया जा रहा है।
3 साल में पशुपालकों की आय 24 फीसदी बढ़ी
श्री ठाकुर ने कहा कि प्रदेश के संचालित गोठा नो में 14504 महिला स्व सहायता समूह की 171585 बहनों को 131 करोड़ 43 लाख का भुगतान अब तक हो चुका है। यानी नहीं गोपालको और समूहों को अब तक 445 करोड़ 14 लाख का भुगतान 21 मई 2023 को 13 करोड़ 57 लाख दिए। प्रदेश के पंजीकृत गोपालको की संख्या 341713 है।
उल्लेखनीय है कि विगत 3 साल में पशुपालकों की संख्या में 24 फीसदी की वृद्धि हुई है। अब तक कुल गोबर खरीदी 32.72 क्विंटल जिससे 24.54 लाख क्विंटल वर्मी कंपोस्ट का निर्माण किया गया है। 4 रुपए प्रति लीटर की दर पर खरीदे गए गोमूत्र से जैविक कीटनाशक ब्रह्मास्त्र 74401 लीटर और जीवामृत 31478 लीटर अर्थात कुल जैविक कीटनाशक 105000 लीटर से अधिक का निर्माण किया गया है। गोमूत्र से आए समूह को 48 लाख 50 हजार शुद्ध मुनाफा गठान समिति को हुआ है।