राजनांदगांव

नागपुर की सायबर टीम और खैरागढ़ जिला पुलिस की कार्रवाई
'छत्तीसगढ़' संवाददाता
राजनांदगांव, 26 मई। महाराष्ट्र के नागपुर शहर के अलग-अलग इलाकों में करोड़ों रुपए की चोरी के मुख्य आरोपी की तलाश में पहुंची नागपुर पुलिस ने खैरागढ़ जिले के उदयपुर स्थित एक परिवार के घर धावा बोलकर लाखों रुपए नगद और दो लक्जरी कार जब्त की है। पुलिस को चकमा देने के लिए चोरी की रकम और अन्य सामानों को पेशेवर चोर ने अपने पैतृक गांव के घर में जमीन के नीचे छुपाकर रखा था।
नागपुर की सायबर टीम ने सूचना के बाद महिलांगे परिवार के घर में धावा बोलकर 80 लाख रुपए नगद और दो लक्जरी कार जब्त की है। बताया जा रहा है कि आरोपी नरेश महिलांगे नागपुर में कई चोरी की वारदातों को अंजाम दे चुका है। उसके खिलाफ कई मामले नागपुर पुलिस के रिकार्ड में दर्ज है। नरेश को पेशेवर चोर के रूप में जाना जाता है। नागपुर में चोरी किए गए रुपयों और सामानों को आरोपी नरेश ने अपने पिता और अन्य परिजनों की मदद से मकान में गड्ढे के नीचे बोरियों में छुपाकर रखा था। पुलिस की तगड़ी पूछताछ के बाद सभी ने गड्ढे में रखे गए बोरियों को बाहर निकाला। तीन बोरियों में लगभग 80 लाख रुपए नगद पुलिस को मिले। वहीं चोरी के पैसे से खरीदे गए दो लक्जरी कार भी जब्त किए हैं। केसीजी जिले की एएसपी नेहा पांडे ने 'छत्तीसगढ़' से कहा कि महाराष्ट्र पुलिस सूचना के बाद कार्रवाई के लिए पहुंची थी। स्थानीय पुलिस ने सहयोगी के तौर पर कार्रवाई में मदद की है।
इस बीच उदयपुर गांव में महिलांगे परिवार के घर से निकले रकम की काफी चर्चा है। पूरे परिवार की भूमिका को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि सायबर टीम ने आरोपी के पिता अंकलहू और उसके भाई को भी पूछताछ के लिए गिरफ्तार किया है। उदयपुर का रहने वाला नरेश महिलांगे की पुलिस को सरगर्मी से तलाश है। छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र की पुलिस अब तक उसकी तलाश में डटी हुई है। चोरी की रकम बरामद होने के बाद पुलिस को गुमराह करने के मामले में पिता और उसके भाई को गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि कुछ दिन पहले गांव में एक स्वीफ्ट कार लावारिश हालत में मिली थी। छुईखदान पुलिस ने कार को जब्त कर जब तलाशी की तो दो लाख रुपए की रकम बरामद हुई। बहरहाल महाराष्ट्र की सायबर टीम ने उदयपुर में कार्रवाई कर हिस्ट्रीशीटर के कारनामों का खुलासा किया है। वहीं परिवार ने जिस तरह से लाखों रुपए को छुपाने में आरोपी की मदद की है, उससे पुलिस का परिवार पर शिकंजा कसता दिख रहा है।