बस्तर

12 साल के बाद पूर्व सरपंच ने अनापत्ति पर की आपत्ति, कलेक्टर के नाम ज्ञापन
26-May-2023 10:03 PM
12 साल के बाद पूर्व सरपंच ने अनापत्ति  पर की आपत्ति, कलेक्टर के नाम ज्ञापन

काबिज भूमि पर मकान को तोड़ देने धमकाया-पीडि़त

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता 
जगदलपुर, 26  मई।
जनपद पंचायत जगदलपुर के अंतर्गत ग्राम पंचायत धुरगुड़ा में वर्ष 2010 में काबिज भूमि में रहने को पंचायत ने अनापत्ति दी थी, साथ ही पट्टा बनाने को लेकर पंचायत को किसी भी प्रकार का आपत्ति नहीं होने पर अनापत्ति पत्र पर 12 साल के बाद पूर्व सरपंच के द्वारा अनापत्ति पर आपत्ति कर कलेक्टर के नाम ज्ञापन दिया।

मिली जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत धुरगुड़ा में यशवंत नेताम को वर्ष 2010 में गाँव के निवासी होने पर पंचायत में अपने काबिज भूमि पर रहने को अनापत्ति दी गई, साथ ही पट्टा बनाने को लेकर पंचायत को किसी भी प्रकार का आपत्ति नहीं होने पर पत्र जारी किया था, तब पंचायत की सरपंच गीता गोयल थी, उप सरपंच भगवती देवांगन थी, अनापत्ति पत्र में सरपंच से लेकर पंच व सचिव के हस्ताक्षर मौजूद है, बावजूद इसके भी पूर्व सरपंच गीता गोयल पूर्व उप सरपंच पति शेखर देवांगन सहित गांव के कुछ लोग मिलकर कलेक्टर के नाम अपर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है।

ज्ञापन में कहा गया है कि आरक्षित भूमि पर दो भाई राजाराम ओर यशवंत नेताम ( कुनु) के द्वारा 10 डिसमिल भूमि पर कब्जा कर अवैध तरीके से मकान का निर्माण कराया जा रहा है। अब सोचने वाली बात यह है कि जिस सरपंच ने 10 साल पूर्व में अनापत्ति प्रमाण पत्र दिया था कि उक्त व्यक्ति ग्राम पंचायत का निवासी है और उक्त व्यक्ति को भूमि पट्टा देने पर ग्राम पंचायत को कोई आपत्ति नहीं है तो आज गीता गोयल अपने दिए अनापत्ति पर आपत्ति क्यों दर्ज करा रही है यह सबसे बड़ा सवाल है।
इस मामले में राजाराम नेताम का कहना है कि हम लोग लगभग 50 वर्षों से यहां रह रहे हैं, मुझे पूर्व में सरपंच गीता गोयल के द्वारा पट्टा बनाने के लिए ग्राम पंचायत को किसी भी प्रकार की आपत्ति नहीं है,  लिख कर एनओसी मिला था, लेकिन आज गीता गोयल और शेखर देवांगन आपत्ति कर रहे हैं और हमें मकान को तोड़ देंगे बोल के डराया धमकाया जा रहा है।

इस मामले में सरपंच दुर्गा उद्दे का कहना है कि मुझे इस सारे मामले की जानकारी अखबार के माध्यम से पता चला जिसमें उक्त व्यक्ति पर अवैध कब्जा की शिकायत कलेक्टर के पास किया गया है और अखबार में यह भी लिखा गया है कि मैं पंचायत में काम नहीं करती, मेरे पति द्वारा पंचायत का काम करवाया जाता है। जबकि यह पूरी तरीके से झूठा और बेबुनियाद है. मैं गांव की सरपंच हूं मेरे पति नहीं मैं सक्षम हूं पंचायत का हर काम करने के लिए और मैं हर काम पूरी जवाबदारी के साथ ही करती हूं मेरे द्वारा किए गए काम और गांव के विकास पर गांव के ही विकास विरोधियों को तकलीफ हो रही है, जबकि ग्राम पंचायत का सहयोग करना चाहिए और गांव को कैसे बेहतर बनाएं, इस पर पूरा ध्यान देना चाहिए। रही बात अनापत्ति पत्र की तो मेरे द्वारा नहीं दिया गया है।

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