रायगढ़

कागजों में खरीदा गोबर, खाद बनाकर बेचा गया गौठानों का अनोखा भ्रष्टाचार-उमेश अग्रवाल
27-May-2023 2:54 PM
कागजों में खरीदा गोबर, खाद बनाकर बेचा गया गौठानों का अनोखा भ्रष्टाचार-उमेश अग्रवाल

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 27 मई।
जिला भाजपा अध्यक्ष उमेश अग्रवाल ने मीडिया रिपोर्ट्स में खरसिया, पुसौर के गौठानों में हुए भ्रष्टाचार में प्रतिक्रिया देते हुए कहा खरसिया और पुसौर के गौठानो में अधिक गड़बड़ी मिली है और गोबर खरीदी के आंकड़े संदेहास्पद पाए गए है। 

गौठानों से समितियों में वर्मी कम्पोस्ट की फर्जी सप्लाई के मामले भी उजागर हुए है। भाजपा द्वारा गौठानो की आड़ में तेरह सौ करोड़ के घपले के आरोपों को प्रामाणिक बताते हुए कहा बहुत से गौठानों से कयूआर कोड जनरेट होने की जानकारी मिली है, लेकिन समिति में वर्मी कम्पोस्ट नहीं पहुंचा। आश्चर्य की बात है कि गोबर खरीदी नहीं गई और समितियों को वर्मी कंपोस्ट बेच किया गया। गौठानों में गोबर खाद का काम सिर्फ कागजों में हुआ है। बडी चतुराई से गोबर विक्रेता को भुगतान दिखाया गया है। गौठान समिति को राशि मिली । स्व सहायता समूहों को भी वर्मी खाद का पैसा मिल गया। लेकिन यह सब कुछ कागजों में हुआ।

खरसिया और पुसौर में मिली प्रमाणिक गड़बड़ी भूपेश सरकार की गौठान योजना में प्रश्नचिन्ह है। गोबर खरीदी से लेकर वर्मी कंपोस्ट बिक्री तक पूरी प्रक्रिया को संदेह के घेरे में बताते हुए उमेश अग्रवाल ने कहा रायगढ़ वह जिला है जिसे गोबर खरीदी में नंबर वन बताया गया है। कागजी गोबर खरीदी में लाल हुए भ्रष्टाचारियों को गौ माता के कोप का भाजन पड़ेगा। रायगढ़ जिले के सभी गौठानों की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगाते हुए जिला भाजपा अध्यक्ष ने कहा रायगढ़ को गोबर खरीदी में मिला नंबर वन का तमगा वापस होना चाहिए। जिले में गोबर खरीदी की आड़ में हुए करोड़ों के भ्रष्टाचार को उजागर करने हेतु स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराए जाने की आवश्यकता है जो गौठानों में गोबर खरीदी एवम समितियों को दी गई खाद का भौतिक सत्यापन करे ताकि सच्चाई आम जनमानस के आमने आ सके।

संबंधित क्षेत्र के नोडल अधिकारियों सहित जनपद पंचायत सीईओ की मिलीभगत से हुए अनियमितताओं के निष्पक्ष जांच आवश्यक है ताकि दूध का दूध पानी का पानी हो सके।अधिकारियों की मिलीभगत से समितियों के लिए वर्मी कंपोस्ट खरीदने क्यू यार कोड जनरेट कर दिए गए। ताकि प्रथम दृष्टि में संदेह नहीं हो सके। जांच में मामला उजागर होने के बाद सहकारी समितियों से वसूली का लक्ष्य बनाया गया जबकि घोटाले को अंजाम देने वाले अधिकारी अन्यंत्र ट्रांसफर हो चुके है। कुछ समितियां ऐसी भी है जो मामले उजागर होने के बाद अब वर्मी कंपोस्ट तैयार कर रही है ताकि जांच के गर्दन बचाई जा सके। विधायक प्रकाश नायक से इस मामले के जनता के सामने स्थिति स्पष्ट करने की मांग करते हुए उमेश अग्रवाल ने कहा कि विधायक बताए कि किसके संरक्षण में यह भ्रष्टाचार किया गया।

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