कोण्डागांव

अमरगांव के किसान आनंद पटेल धान के साथ साग-सब्जी खेती में वर्मी खाद का कर रहे हैं उपयोग, उत्पादन में वृद्धि
27-May-2023 9:25 PM
अमरगांव के किसान आनंद पटेल धान के साथ साग-सब्जी खेती में वर्मी खाद का कर रहे हैं उपयोग, उत्पादन में  वृद्धि

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोण्डागांव, 27 मई।
राज्य शासन की महत्वाकांक्षी गोधन न्याय योजनान्तर्गत उत्पादित वर्मी कम्पोस्ट खाद किसानों के लिए लाभप्रद साबित हो रही है। अब जिले के किसान रासायनिक ऊर्वरक के बजाय वर्मी कम्पोस्ट खाद का उपयोग अधिक करने लगे हैं। जिससे जैविक फसल उत्पादन को बढ़ावा मिला है और किसान परिवारों सहित अन्य लोगों को पौष्टिक चावल एवं साग-सब्जी सुलभ हो रहा है। जिले के कोण्डागांव ब्लाक अंतर्गत उमरगांव निवासी किसान आनंद पटेल, भीरागांव के लाखनसिंह ठाकुर, कोकोड़ी के फकीरचंद कोर्राम आदि किसान वर्मी कम्पोस्ट खाद का अपने फसल के लिए उपयोग कर काफी खुश हैं। 

उमरगांव निवासी कृषक आनंद पटेल बताते हैं कि शासन की गोधन न्याय योजना एक बहुआयामी योजना है। वे स्वयं गौठान में गोबर का विक्रय करते हैं, वहीं गौठान में स्थानीय महिला समूह द्वारा निर्मित वर्मी कम्पोस्ट खाद का उपयोग अपनी फसल में बीते दो वर्ष से लगातार कर रहे हैं। उन्होने बताया कि घर-परिवार की करीब 9 एकड़ कृषि भूमि में धान, मक्का सहित साग-सब्जी की पैदावार लेते हैं। खरीफ फसल के तहत मुख्य रूप से हाईब्रीड धान सहित एचएमटी, कल्चर धान प्रजाति की खेती करते हैं। 

जिसमें मैदानी कृषि अमले की सलाह के अनुसार संतुलित मात्रा में सुपर फास्फेट, पोटाश, डीएपी और वर्मी कम्पोस्ट खाद का उपयोग करते हैं। इसी तरह साग-सब्जी की खेती के लिए वर्मी कम्पोस्ट खाद का उपयोग कर रहे हैं। जैविक खाद के उपयोग का अनुभव साझा करते हुए आनंद पटेल बताते हैं कि वर्मी कम्पोस्ट खाद से खेतों में केंचुआ बढ़ते हैं, जो पुन: खाद निर्मित कर फसल को आवश्यक तत्व प्रदान करने में मदद करते हैं। इस जैविक खाद से फसल उत्पादन में भी आशातीत बढ़ोत्तरी हो रही है। उन्होने बताया कि गत वर्ष धान की फसल के लिए 2 क्विंटल 40 किलोग्राम वर्मी कम्पोस्ट खाद का उपयोग किया, जिससे अच्छी फसल हुई। आनंद पटेल बताते हैं समर्थन मूल्य में 126 क्विंटल धान विक्रय किये, जिसकी राशि सीधे बैंक खाते में मिली, वहीं राजीव गांधी किसान न्याय योजनान्तर्गत विगत मार्च महीने में 20 हजार रूपए की पहली किश्त भी बैंक खाते में अंतरित की गयी। 

आनंद पटेल खरीफ और रबी में साग-सब्जी की पैदावार से हर साल करीब 2 लाख रूपए की आमदनी अर्जित करते हैं। वहीं इस वर्ष 6 एकड़ में मक्का की पैदावार लिये हैं जिसे मां दन्तेश्वरी एथेनॉल प्लांट के लिए विक्रय कर अच्छी आमदनी होने की उम्मीद व्यक्त किया। अपनी उन्नत खेती-किसानी के बूते 16 सदस्यीय परिवार खुशहाली की अग्रसर कर चुके आनंद पटेल का एक बेटा राकेश पटेल भिलाई में बीएससी कृषि अंतिम वर्ष की पढ़ाई कर रहा है। वहीं वे अपने दो भाईयों के बच्चों की पढ़ाई पर भी पूरा ध्यान दे रहे हैं। 

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