बलौदा बाजार

महिला स्व-सहायता समूहों के सदस्यों ने लेमन ग्रास के तैयार किए 3 लाख से अधिक पौधे, रोपण शीघ्र
28-May-2023 3:51 PM
महिला स्व-सहायता समूहों के सदस्यों ने लेमन ग्रास के तैयार किए 3 लाख से अधिक पौधे, रोपण शीघ्र

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
भाटापारा, 28 मई।
गौठानों में काम करने वाली महिला समूह अब केवल वर्मी कम्पोस्ट के निर्माण तक सीमित नहीं है। वह नित्य नये आजीविका गतिविधियों को प्रारंभ कर आर्थिक रूप से सशक्त होने के लिए लगातार प्रयासरत है। जिले के सिमगा विकासखंड के अंतर्गत ग्राम कामता के गौठान में काम करने वाली गगन महिला स्व सहायता समूह ने एक मिशाल पेश की है। समूह की महिलाओं ने आपस मे मिलकर गौठान से लगे हुए करीब 5 से 6 एकड़ शासकीय बंजर भूमि में लेमन ग्रास की खेती करने की तैयारी कर रही है। जिसके प्रारंभिक चरण में समूह की महिलाओं ने 3 लाख से अधिक पौधे थरहा के रूप में गौठान में तैयार कर लिए है। जिसे जल्द ही बंजर जमीन में रोपण कर उसकी खेती की जाएगी। 

महिला स्व सहायता समूह की अध्यक्ष सुमन बाई साहू ने बताया कि हमारे समूह में कुल 11 महिलाएं है। हम सब मिलकर लेमन ग्रास के थरहा तैयार कर लिए है। जिसे बरसात आते ही रोपण करेंगे। इसके साथ ही गौठान के वर्किंग शेड में लेमन ग्रास से ऑयल निकालने का प्लांट भी स्थापित की जा रही है। ऑयल का एक्सट्रेक्शन कर उसको खुला मार्केट में विक्रय करने का लक्ष्य रखा गया है। उक्त प्रक्रिया से न केवल महिला स्व सहायता समूह को आर्थिक रूप से लाभ बल्कि गांव की बंजर पड़ी हुई भूमि का सदुपयोग एवं अतिक्रमण से संरक्षण मिल रहा है। उक्त स्व सहायता समूह गौठान में वर्मी कम्पोस्ट का निर्माण भी करती है। अभी तक कुल 1198 क्विंटल गोबर की खरीदी गौठान में की गई है। जिसके विरूद्ध लगभग 341 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट का निर्माण हो चुका है, जिसमें से 311 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट का विक्रय सोसायटी के माध्यम से की जा चुकी है। गगन महिला स्व सहायता समूह को 85 हजार रूपये का लाभांश अभी तक प्राप्त हो चुका है। 

गौरतलब है कि लेमन ग्रास एक प्रकार की घास का पौधा है, जो प्रमुख रूप से दक्षिण भारत और श्रीलंका में उगता है। लेमन ग्रास में अनेक प्रकार के औषधीय गुण पाए जाते हैं, इसलिए इसकी पहचान एक लाभदायक जड़ी-बूटी के रूप में भी की जाती है। 

इसे हिन्दी में नींबू घास के नाम से भी जाना जाता है। लेमन ग्रास के पौधे के तने को एशिया में प्रमुख रूप से भोजन की सामग्री के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। इससे कई आयुर्वेदिक दवाएं बनाई जाती हैं और साथ ही इसका इस्तेमाल कई स्वास्थ्य समस्याओं का इलाज करने के लिए एक घरेलू नुस्खे के रूप में भी किया जाता है।

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