रायगढ़

ग्रामीणों ने खोला मोर्चा, चक्काजाम, आश्वासन पर माने
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 28 मई। औद्योगिक नगरी रायगढ़ के तमनार ब्लॉक में ग्रामीण विकास के नाम पर केवल प्रदूषण की मार झेल रहे हैं। फ्लाई ऐश की समस्या क्षेत्रवासियों के लिए नासूर बनती जा रही है।
फ्लाईएश की बढ़ती समस्या को लेकर पीडि़त ग्रामवासियों ने शनिवार को मोर्चा खोलते हुए जेपीएल शॉपिंग कांप्लेक्स परिसर के सामने चक्काजाम कर दिया। वाहनों के पहिए थमने पर जेपीएल प्रबंधन कर्मी मौके पर पहुंचे। तीन दिनों के भीतर स्थिति सुधारने की बात प्रबंधन के अधिकारियों ने कही। जिसके बाद पीडि़त ग्रामवासियों ने 3 घंटे के बाद चक्काजाम खोल दिया। साथ ही 3 दिनों के भीतर स्थिति नहीं सुधरने पर पीडि़त ग्रामवासियों ने प्रशासनिक अमला को ज्ञापन सौंपकर आर्थिक नाकेबंदी करने की चेतावनी दी है।
इस साल फिर एक बार तेज हवा चलने के बाद कुंजेमुरा, रेगांव पाता, बांधापाली,सलिहाभांठा गांव के ग्रामीण समस्या से जूझ रहे हैं, सप्ताह भर ते तेज गती से चल रही हवा से घरों में राख के परत जम रहे हैं, शनिवार को कुंजेमुरा के ग्रामीणों ने अपनी समस्या को लेकर मोर्चा खोल दिया।
समस्या से जूझते हुए ग्रामीण जिंदल के फ्लाइ एश राख डेम के सामने पहुंच कर अपनी मांग को लेकर आंदोलन करते नजर आए।
ग्रामीणों का कहना था कि फ्लाईएश राख से जीवन दूभर हो गया है , रोज खाने पिने कपड़े सब्जी भाजी सब राख से सना रहता है , लगता है अब धिरे-धिरे रोज जहर खा रहे हैं।
कहां से आती है राख
जिंदल के पावर प्लांट से बिजली उत्पादन के बाद जो राख निकलता है उसे रखने के लिए डेम बनाया गया है, डेम भरने के बाद लगातार फ्लाईएश डेम की उचाई भी बढ़ाई जा रही है, गांव के ऊंचाई से डेम की उचाई दो गुनी हो चुकी है जिसके कारण हल्का हवा से भी राख गांव की ओर रुख कर लेती है और फिर ग्रामीण समस्या से जूझते नजर आते हैं।
हर साल आंदोलन पर मात्र खानापूर्ति
हार साल गर्मी के महीने में समस्या आती है, ग्रामीण आंदोलन भी करते हैं। पर्यावरण विभाग में शिकायत भी होती है, कार्रवाई करने की बात कही जाती खानापूर्ति भी होती है और फिर मौसम और साल बदलने के बाद ग्रामीणों की समस्या फिर उत्पन्न हो जाती है, धीमा जहर फिर लोगों के सांस में घुलने लगती है।