बेमेतरा

वर्मी खाद उत्पादन के माध्यम से महिलाएं हो रही आत्मनिर्भर
29-May-2023 4:09 PM
वर्मी खाद उत्पादन के माध्यम से महिलाएं हो रही आत्मनिर्भर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 29 मई। 
ग्राम झालम की महिला स्व-सहायता समूह की जो गौठान में वर्मी खाद का निर्माण कर रहे हैं। इस समूह के सदस्य गीता पति शंकर वैष्णव ने बताया कि उनके समूह का नाम जय मॉ सरस्वती महिला स्व-सहायता समूह है।

समूह में कुल दस सदस्य है। पहले वे अपने परिवार के भरण पोषण के लिए मजदूरी और खेती-बाड़ी का कार्य करती थी, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति बहुत कमजोर थी और आय का अन्य स्रोत भीं नहीं था जिसमे परिवार कर्जे में चला गया था । फिर उन्होने गांव के अन्य महिलाओं के साथ मिलकर समूह बनाया और छत्तीसगढ़ शासन की महात्वाकांक्षी गोधन न्याय योजना से जुड़ी और कृषि विभाग के आत्मा योजनांतर्गत उनके समूह को नि: शुल्क केचुआ प्रदाय किया गया एवं केचुआ खाद उत्पादन के लिए प्रशिक्षण दिया गया। खाद बनाने की प्रक्रिया और साधनों के लिए समय-समय पर कृषि अधिकारियों के द्वारा मार्गदर्शन प्राप्त कर सफलतापूर्वक वर्मी खाद का उत्पादन समूह द्वारा किया जा रहा है। 

समूह की महिलाएं केंचुआ खाद के साथ केंचुआ का भी उत्पादन कर अतिरिक्त आय प्राप्त कर रही है। अब तक 580.70 क्विंटल केंचुआ खाद का उत्पादन किया गया और 227634 रुपए खाद का विक्रय किया गया। गीता वैष्णव कहती है कि गोधन न्याय योजना से हमें रोजगार प्राप्त हुआ और अपना कर्ज भी चुका दिया। इससे मेरी व समूह के अन्य महिलाओं के जीवन में काफी आर्थिक सुधार हुआ है। सभी महिलाएं समूह में काम कर बहुत खुश और उत्साहित है साथ ही गौठान ग्राम के अन्य समूह जैसे आदिवासी महिला स्व-सहायता समूह द्वारा सब्जी उत्पादन करके 8 हजार लाभ प्राप्त किए।
 

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