धमतरी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कुरुद, 30 मई। इस बार रबी फसल के लिए बांध का पानी नहीं देने के बावजूद कृषि उपज मंडी में धान की बंपर आवक हो रही है। इन दिनों 15 से 20 हजार कट्टा धान बिकने आ रहा है।
1751 से लेकर 2140 प्रति क्विंटल कीमत मिलने से धमतरी जिला के अलावा दुर्ग, रायपुर, गरियाबंद, महासमुंद जिले के किसान भी यहां अपनी उपज बेचने पहुंच रहे हैं।
प्रदेश की उत्कृष्ट मंडियों में शुमार कृषि उपज मंडी कुरुद इन दिनों किसानों से गुलजार नजऱ आ रही है। यहां रोज 15 से 20 हजार कट्टे धान की आवाक हो रही है। शांभा, आरबी गोल्ड, महामाया,ओम थ्री,1010 किस्म का दाम 1751से लेकर 2140 प्रति क्विंटल तक बिक रहा है। अपनी मेहनत का वाजिब दाम मिलने से धरती पुत्रों के चेहरे पर मुस्कान दिख रही है।
मंडी अध्यक्ष नीलम चंद्राकर ने बताया कि वर्तमान में धान की आवक को देखते हुए शेड कम पड़ रहा है, इसकी क्षमता बढ़ाने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा जा रहा है। वैसे तो यहां 50 अनाज व्यापारियों को लायसेंस दिया गया है, जिसमें से आधे लोग ही अभी धान खरीद रहे हैं। तब भी किसानों को उचित कीमत मिल रही है।
अपनी उपज बेचने मंडी पहुंचे अम्बेद, गंगाराम, महेश, जोगेश्वर, झम्मन लाल आदि किसानों ने बताया कि मंडी में जगह की समस्या है जब तक व्यापारियों के धान का उठाव नहीं हो जाता तब तक उन्हें अपनी उपज रखने की जगह नहीं मिलती।
भारतीय किसान संघ जिलाध्यक्ष लालाराम चंद्राकर का कहना है धान बेचने आए किसानों को कड़ी धूप में घंटों गेट में खड़ा कर दिया जाता है। रेजा हमाल किसानों से अधिक पैसा मांगते हैं, किसानों के लिए शौचालय एवं पानी की समुचित व्यवस्था नहीं है। मंडी में भुगतान की व्यवस्था नहीं होने से किसान आढ़तियों के चक्कर लगाने विवश हैं, मंडी समिति को इस ओर ध्यान देना चाहिए।
इस बारे में सचिव राजकुमार रात्रे का कहना है कि अत्यधिक आवक होने से व्यवस्था बनाने के लिए गेट में गाडिय़ों को कुछ देर के लिए रोका जा रहा था। अधिक पैसे की शिकायत किसी भी किसान ने अब तक नहीं की है। बाकी चीजें भी ठीक चल रही है।
बहरहाल खरीफ सीजन में सोसायटियों के माध्यम से धान खरीदी होने के चलते उजाड़ हुई मंडियों में रबी फसल के बदौलत फिर से रौनक लौटी है। जिससे रेजा, हमाल, कुली मजदूर एंव आसपास चाय नाश्ता बेचने वाले दुकानदारों के भी अच्छे दिन आ गए हैं।