बेमेतरा

जिले में तीन माह में दस हजार से अधिक मरीज एनीमिक मिले, इनमें महिलाएं अधिक
31-May-2023 4:19 PM
जिले में तीन माह में दस हजार से अधिक मरीज एनीमिक मिले, इनमें महिलाएं अधिक

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 31 मई। 
जिले को एक तरफ एनीमिया मुक्त करने के लिए जददोजहद किया जा रहा है वहीं जिला अस्पताल में रोजाना 8 से 10 मरीज एनीमिया पीडि़त उपचार के लिए पहुच रहे हैं। इनमें से आधे को रक्त चढ़ाने की जरूरत पड़ रही है। जिले में तीन माह के दौरान 10 हजार से अधिक मरीज एनीमिक मिले हैं जिनका उपचार किया गया है।

खून की कमी से होने वाले शारीरिक दिक्कतों व बीमारियों से बचने के लिए स्वास्थ विभाग द्वारा उपचार के साथ साथ लोगों के खानपान को लेकर सतर्कता बरतने सलाह दिया जा रहा है। जिले को एनिमिया मुक्त जिला बनाने के लिए बीते महीनों से कवायद किया जा रहा है। लोगों में खून की कमी न हो इसके लिए शासन द्वारा फोर्टीफाईट चावल का भी वितरण किया जा रह है। इनके साथ ही पोशकतत्व युक्त खानपान के बारे में लोगों को अवगत कराने की दिशा में कदम बढाए गए हैं। इन सबके बावजूद जिले में मार्च से लेकर अब तक 10918 एनिमिया चिन्हित महिलाओं की पहचान हुई हैै जिनके रक्त में निर्धारित मात्र हिमोग्लोबिन की कमी है।

रिकार्ड में 12 हजार एनीमिक मरीज
जिले के 6 परियोजना कार्यालयों के आंगनबाड़ी केन्द्रों में गर्भवती महिलाओं का पंजीयन किया गया है जिसके अनुसार जिले के आगंनबाड़ी केन्द्रों में 12722 एनिमिक महिलाएं व बच्चे हैं। इसमे बेरला 6690 ,बेमेतरा 4664, साजा में 5787, नवागढ़ में 4467, नांदधाट में 3930, खंडसरा में 4379 एनिमिक हैं। इन्हें सीएम कुपोषण योजना का लाभ दिया जा रहा है।

30 दिनो में 113 लोगों को खून चढ़ाया गया 
जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में दिंसबर 22 से लेकर मई 23 तक 505 महिलाओं को एनिमिया की शिकायत होने पर रक्त चढ़ाया गया है। प्राप्त आकड़े के अनुसार दिंसबर 22 में 73, जनवरी 23 में 54, फरवरी में 72, मार्च में 96, अप्रैल में 97 और जारी मई माह में 113 मरीजों केा रक्त चढ़ाया गया है। जिला अस्पताल के तीन माह के रिकार्ड के अनुसार प्रत्येक दिन 4 से 5 महिलाओं केा ब्लड देने की जरूरत पड़ रही है।

चार साल में सबसे अधिक एनीमिक मरीज मिले हैं 
जुटाये गई जानकारी के अनुसार जिले में सत्र 2019-20 से लेकर 2022-23 के दैारान 35262 एनिमिक मरीजों की पहचान हुई है जिनमें 353 बच्चे भी शामिल हैं जो एनआरसी केन्द्र में उपचार के बाद रोग मुक्त हुए हैं। जिले में 2019-20 के दौरान 8253 मरीज, 2020-21 में 7476 मरीज, 2021-22 के दैारान 8614 मरीज एवं 2022-23 के दैारान 10912 समेत 35262 एनीमिक मरीज मिले हैं। इनमें से 30519 मरीज उपचार के बाद ठीक हुए हैं। जारी सत्र में करीब 1800 से अधिक मरीजों का उपचार जारी है।

रक्तदाताओं के ज्यादातर खून एनीमिया पीडि़तों को  
जिला ब्लड बैक से मिली जानकारी के अनुसार जिले में रक्तदान करने वाले आगे आकर लोगों की मदद कर रहे हैं। ब्लड बैक को प्राप्त होने वाले ब्लड का अधिकांश हिस्सा एनीमिया पीडि़तों को दिया जा रहा है। बहरहाल जिले केा एनिमिया मुक्त करने के लिए तरह तरह के प्रयास किये जा रहे है पर खानपान व बेहतर डाईट चार्ट की जानकारी के अभाव में लोगों में असंतुलित भोजन की आदत होने के कारण एनिमिया का खतरा बढते जा रहा है।

सरकार तो फोर्टीफाइट चावल दे रही है  
जिले में अप्रैल 2022 से फोर्टिफाइड चावल का वितरण किया जा रहा है। फोर्टिफाइड राइस में आयरन फोलिक एसिड और विटामिन बी-12 जैसे सूक्ष्म पोषक तत्व या माइक्रोन्यूट्रिएंट्स मिलाये जाते हैं। ये पोषक तत्व एनीमिया और सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी से बचाता है। आयरन एनीमिया से बचाव करता है। फोलिक एसिड भ्रूण निर्माण और खून बनाने में सहायक होता है और विटामिन बी-12 नर्वस सिस्टम के सामान्य कामकाज में सहायक होता है। फोर्टिफाइड चावल के नियमित सेवन से बेहतर पोषण और स्वास्थ्य सुनिश्चित होता है। फोर्टिफाइड चावल पकाने के दौरान अपने पोषक तत्वों को बरकरार रखता है। अत्यधिक पानी में धोने और पकाने के दौरान भी पोषक तत्व अवशेष बरकरार रहने के कारण जिले को शतप्रतिशत एनिमिया मुक्त करने के लिए फोर्टीफाइट चावल का वितरण जारी है।

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news