बेमेतरा

सेमरिया रोड पर बारहमासी आवागमन सडक़ का है अभाव, बारिश में खेतों से करते हैं आना-जाना
04-Jun-2023 3:06 PM
सेमरिया रोड पर बारहमासी आवागमन सडक़ का है अभाव, बारिश में खेतों से करते हैं आना-जाना

इमरजेंसी में मरीज को पैदल या उठाकर ले जाना पड़ता है 

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 4 जून।
ग्राम टुरासेमरिया में मेन रोड टुरासेमरिया से केंवट पारा (टूरासेमरिया) तक रोड निर्माण स्वीकृति के लिए ग्रामीणों ने अधिकारियों से गुहार लगाई है। बारहमासी सडक़ के अभाव में ग्रामीणों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। बारिश के दिनों में ग्रामीणों को खेतों से होकर आना-जाना पड़ता है।

नवागढ़ ब्लाक के ग्राम टुरासेमरिया में मेनरोड से केंवट पारा टुरासेमरिया तक बारहमासी सडक़ का अभाव है। सडक़ नहीं होने से आम दिनचर्या तक प्रभावित हो रहा है। सबसे अधिक दिक्कत बरसात के दिनों में होती है। तब गांव वालों को सडक़ नहीं होने के कारण खेतों से या फिर नदी किनारे (डुबान क्षेत्र) से होकर गुजरना पड़ता है जिसकी दूरी लगभग 2 किलोमीटर है। बरसात के दिनों में नदी में बाढ़ आने से आने-जाने में कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। 

चलने के लिए रास्ता तक नहीं रहता। तब स्कूल आने व जाने वाले बच्चों एवं ग्रामीण जनों को बहुत ही समस्या होती है।
रास्ता नहीं होने से खेत के मेड़ पर लोग चलते हैं। जिससे दुर्घटना होने की आशंका बनी रहती है। किसी मेडिकल इमरजेंसी में मरीज को जोखिम पैदल या उठाकर लगभग 02 किलोमीटर चलकर जाने उपरांत रास्ता मिल पाता है। इस तरह के समस्या से गांव के 15 परिवार प्रभावित है।

मुख्यमंत्री भेंट मुलाकत कार्यक्रम के पूर्व कार्यपालन अभियंता, मुख्यमंत्री ग्राम सडक़ योजना बेमेतरा का पत्र 13 दिसंबर 22 के माध्यम से एस्टीमेट तैयार कर मुख्य अभियंता मु.मं.ग्रा. सडक़ विकास योजना प्रकोष्ठ, छ.ग. ग्रामीण सडक़ विकास अभिकरण, विकास भवन, सिविल लाईन्स रायपुर, जिला रायपुर (छ.ग.) को ग्रामीणो के द्वारा प्रस्तुत किया गया। इसके बाद मुख्यमंत्री भेंट मुलाकात कार्यक्रम में भी आवेदन प्रस्तुत किया गया था पर आज तक उक्त एस्टीमेट को प्रशासकीय स्वीकृति नहीं दी गई है।

सडक़ नहीं है इसलिए साधन का उपयोग नहीं कर पाते 
गांव वालों ने बताया कि इस विकट समस्याओं से उन्हें रोजाना सामना करना पड़ता है। हालत ये हैं कि सडक नहीं होने के कारण आने-जाने व परिवहन के लिए किसी प्रकार का साधन का भी वे उपोग नहीं कर पा रहे है। इस जरूरी सडक के लिए ग्राम सभा में प्रस्ताव प्रस्तावित भी किया जा चुका है। 
साथ ही सडक़ की स्वीकृति के लिए कलेक्टर को 2-3 बार आवेदन दे चुके हैं बावजूद इसके सडक़ की स्वीकृति नहीं मिली है।
 

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