धमतरी

कड़ी धूप में अरसीकन्हार जंगल में बीन रही थी सरई बीज
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नगरी, 5 जून। जनपद अध्यक्ष दिनेश्वरी नेताम एवं जनजाति मोर्चा के जिलाध्यक्ष महेन्द्र नेताम एवं सरपंच मेचका विमला धुर्वा संवेदनशील क्षेत्र के गांव बरपदर में जनसंपर्क पर थे। जनसंपर्क के दौरान ग्राम मेचका (नगरी विकासखंड) की वृद्ध महिला कड़ी धूप में सरई बीन रही थी। उन्हें देखकर कुछ देर रूककर सरई बीनकर बोरी में भरने में मदद किये।
वृद्धा ने बताया कि इस साल मौसम की मार से अंधड़, तूफान, गरज चमक और बेमौसम बारिश से सरई वनोपज प्रभावित हुआ है। जिससे ग्रामीणों को बहुत नुकसान हुआ है। फिर भी गांव सूना है, सब सरई संग्रहण में व्यस्त हैं। वनग्रामों में ग्रामीणों की आजीविका का मुख्य साधन सरई (वनोपज) ही है।
इस साल प्रकृति की कृपा सरई पर अच्छी हुई है। पर दुर्भाग्य से आढ़तियों, कोचियों और व्यापारियों ने साजिश के तहत सरई की कीमत गिराकर खरीदी कर रहे हैं, जिससे आदिवासियों को भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है। शासन प्रशासन मूक-दर्शक बने हुए हैं।
जनपद अध्यक्ष दिनेश्वरी नेताम एवं भाजपा अजजा मोर्चा जिलाध्यक्ष महेन्द्र नेताम ने शासन प्रशासन से मांग की है कि सरई हम आदिवासियों की आजीविका का मुख्य साधन है। इसे संज्ञान में लेकर ग्रामीण अदिवासियों को सरई वनोपज का वाजिब कीमत दिलाकर राहत प्रदान करें।