महासमुन्द

महासमुंद, 3 जून। महासमुंद विधानसभा क्षेत्र में आस्था का केंद्र पुराने मंदिरों का जल्द ही कायाकल्प होगा। संसदीय सचिव व विधायक विनोद सेवनलाल चंद्राकर की पहल पर क्षेत्र के 12 मंदिरों के जीर्णोद्धार कराया जाएगा। इसके लिए करीब 45 लाख रुपए का प्रस्ताव तैयार किया गया है।
मिली जानकारी के अनुसार संसदीय सचिव श्री चंद्राकर ने क्षेत्र के पुराने मंदिरों का जीर्णोद्धार कराने पहल करते हुए जिला प्रशासन को सुझाव दिया। बाद इसके जीर्णोद्धार के लिए महासमुंद विधानसभा क्षेत्र के 12 मंदिरों का चयन किया गया है। जिसमें सिरपुर के गंधेश्वर नाथ मंदिर, बकमा स्थित महादेव स्वामी शंकर मंदिर, कनेकेरा कनेश्वर महादेव मंदिर, बम्हनी के बम्हनेश्वर महादेव मंदिर, धनसुली के कर्रापाठ मंदिर, भोरिंग के मां चण्डी मंदिर,खट्टी के सोनई-रूपई माता मंदिर, सिरपुर के मां महामाया मंदिर, अछोला के मां महामाया मंदिर, बावनकेरा के मुगई माता मंदिर, पटेवा के पतई माता मंदिर व कौंवाझर के जय मां खल्लारी मंदिर शामिल हंै।
संसदीय सचिव श्री चंद्राकर ने बताया कि सिरपुर के गंधेश्वर नाथ मंदिर, बकमा के महादेव स्वामी शंकर मंदिर, कनेकेरा के कनेश्वर महादेव मंदिर, बम्हनी के बम्हनेश्वर महादेव मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए पांच-पांच लाख, धनसुली के कर्रापाठ व बावनकेरा के मुगई माता मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए चार-चार लाख, भोरिंग के मां चण्डी मंदिर के लिए दो लाख, खट्टी के सोनई-रूपई माता मंदिर, सिरपुर के मां महामाया मंदिर, अछोला के मां महामाया मंदिर, पटेवा के पतई माता मंदिर व कौंवाझर के जय मां खल्लारी मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए तीन-तीन लाख रुपए का प्रस्ताव बनाया गया है।
संसदीय सचिव श्री चंद्राकर ने कहा कि राज्य के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व के स्थलों को निखारने के लिए भूपेश सरकार संकल्पित हैं।
प्रभु श्री राम के ननिहाल चंदखुरी का सौंदर्य पौराणिक कथाओं के नगरों जैसा ही आकर्षक है। साथ ही प्राचीन कौशिल्या मंदिर के मूल स्वरूप को यथावत रखते हुए पूरे परिसर का सौंदर्यीकरण कराया गया है। इसी तरह धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान राम जहां-जहां ठहरे थे, वहां-वहां भूपेश सरकार ने विकास कराया है। देश में छत्तीसगढ़ ऐसा पहला राज्य है, जहां राम वनगमन पथ पर काम हुआ है।