गरियाबंद

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 5 जून। कबीर जयंती के अवसर पर राजिम के श्री सदगुरु कबीर धनी धर्मदास सेवा आश्रम में कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में अतिथि के रूप में पूर्व सांसद चंदूलाल साहू, नगर पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि एवं भाजपा नेता जितेन्द्र सोनकर, जिला पंचायत सदस्य द्वय, रोहित साहू, चंद्रशेखर साहू, सेवानिवृत शिक्षक मोहन साहू, जिला कार्यकारिणी सदस्य आरटीआई प्रकोष्ठ अजय खरे मौजूद थे।
अतिथियों द्वारा सर्वप्रथम सदगुरु के चरणों श्री फल अर्पित कर आशीर्वाद प्राप्त किया। तत्पश्चात सदगुरु कबीर जी की बाल्य काल की बनी मूर्ती का अनावरण किया। आश्रम के सदस्यों एवं पदाधिकारियों द्वारा सभी अतिथियों का तिलक लगाकर पुष्प गुच्छ भेंट कर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर पूर्व सांसद एवं ओबीसी मोर्चा भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चंदूलाल साहू ने कहा कि कबीर जी के जीवन से प्रेरणा मिलती है। आज भी उनके दोहे रचनाएं प्रेरणास्पद है, जो आज भी प्रासंगिक है। उनकी रचनाओं को दोहराते हुए उन्होंने बताया कि बुरा जो देखन मैं चला बुरा न मिलया कोय , जो दिल खोजा आपना मुझसे बुरा न कोय जिसका अर्थ कबीर दास जी कहते हैं कि जब मैंने संसार में बुराई को ढूँढा तो मुझे कहीं नहीं मिला पर जब मैंने अपने मन के भीतर झाँका तो मुझे खुद से बुरा इंसान नहीं दिखा। दूसरे प्रसंग में कबीर जी ने अपनी रचनाओं में इंसान को पानी का बुलबुला बताया, पानी केरा बुदबुदा, अस मानस की जात। देखत ही छिप जायेगा, ज्यों तारा परभात, मानव जीवन पानी के बुलबुले के समान है जो थोड़े ही समय में नष्ट हो जाता है ठीक उसी प्रकार जिस प्रकार सवेरा होने पर प्रकाश के कारण आकाश में टिमटिमाते तारे छिप जाते हैं।
कार्यक्रम को भाजपा नेता जितेन्द्र सोनकर एवं जिला पंचायत सदस्य चंद्रशेखर साहू ने भी संबोधित किया। मंच संचालन एवं आभार मेघनाथ साहू संचालक श्री सदगुरु कबीर धनी आश्रम राजिम द्वारा किया गया।