बस्तर

महिला उत्पीडऩ संबंधित प्रकरणों पर सुनवाई
05-Jun-2023 8:49 PM
 महिला उत्पीडऩ संबंधित प्रकरणों पर सुनवाई

दो प्रकरणों को स्थानीय परिवाद समिति को जांच के लिए दिया 
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर , 5 जून।
छत्तीसगढ़ महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक एवं सदस्य बालो बघेल ने आज कलेक्टोरेट कार्यालय के आस्था सभाकक्ष में महिला उत्पीडऩ से संबंधित प्रस्तुत प्रकरणों पर जन सुनवाई की। छत्तीसगढ़ महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक की अध्यक्षता में आज प्रदेश स्तर की 180वीं और जिले स्तर की 9वीं जन सुनवाई हुई। आज की सुनवाई में 8 प्रकरणों को रायपुर सुनवाई हेतु ट्रांसफर किया गया तथा प्रकरणों को 6 नस्तीबद्ध किया गया।

आज की सुनवाई के दौरान एक प्रकरण में आवेदिका उपस्थित थी, उसने अपना प्रकरण वापस लेने बाबत अपना आवेदन प्रस्तुत किया, उनका एक प्रकरण न्यायालय में धारा 376 अनावेदक के विरूद्ध था, जिसमें अनावेदक बरी हो गया है। अत: वह प्रकरण आगे जारी नहीं रखना चाहती, प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया।

अन्य प्रकरण में उभयपक्ष उपस्थित प्रकरण को सुना गया। इस दौरान संरक्षण अधिकारी हिरवानी ने बताया कि शिकायत पर स्थानीय परिवाद समिति के द्वारा जांच किया जा रहा है और अनावेदक पक्ष का साक्ष्य लेना शेष है, ऐसी दशा में एक माह का समय दिया गया। अपनी रिपोर्ट आयोग को निश्चित रूप से भेजने आगामी सुनवाई रिपोर्ट मिलने के पश्चात रायपुर में किया जाएगा।

अन्य प्रकरण में दोनों उपस्थित पक्ष को सुना गया। अनावेदक ने कहा कि आवेदन की प्रति दिया जाए। आवेदिका को निर्देशित किया गया कि वह एक प्रति अनावेदक को देगी और एक प्रति संरक्षण अधिकारी हिरवानी को देगी जो स्थानिय परिवाद समिति में इस प्रकरण में की जांच कर आपसी रिपोर्ट आयोग को 2 माह में प्रेषित करेंगे, जिसके पश्चात प्रकरण सुनवाई हेतु रायपुर में रखा गया। 

आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने कहा कि एक विभाग के दोनों प्रकरण है, दो प्रकरणों का आंतरिक परिवाद समिति 2 महिने में जांच करके रिपोर्ट 2 महिने के अंदर आयोग को प्रेषित करेगी, तत्पश्चात प्रकरण रायपुर में सुनवाई हेतु रखी जाएगी।

अन्य प्रकरण में उभयपक्ष उपस्थित दोनों को विस्तार से सुना गया, आवेदिका संविदा कर्मचारी है जिनका 3 साल का सीआर अनावेदक पक्ष ने रोक रखा है। अनावेदक पक्ष ने जवाब में बहुत सारे कारण उल्लेखित किया है। इस प्रकरण को स्थानिय परिवाद समिति को जांच के लिए संरक्षण अधिकारी बेमेतरा को दिया जाता है। जांच के पश्चात 2 माह में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिया गया तथा प्रकरण की आगामी सुनवाई हेतु रायपुर में रखा जाएगा।

अन्य प्रकरण में उभयपक्ष उपस्थित दोनों पक्ष को सुना गया। आवेदिका अतिथि शिक्षिका है और वह कुछ दिन तक अवकाश में थी और वह अनावेदक के कहने पर उपस्थिति पंजी में हस्ताक्षर किया है। आवेदिका की शिकायत पर कलेक्टर के द्वारा जांच करायी गयी है और आविदिका के द्वारा पुलिस और डायरेक्टर के यहां भी जांच हुई है। अनावेदक ने बताया कि आवेदिका अक्सर देरी से आती है और समय से नहीं आने पर रोज-रोज किये जाने पर विरोध करती है। प्रकरण की आगामी सुनवाई रायपुर में रखा गया है।

अन्य प्रकरण में उभयपक्ष उपस्थित दोनों पक्ष को समझाइश दी गई, लेकिन आवेदिका अनावेदक के साथ रहने के लिए तैयार नहीं है, क्योंकि अनावेदक मारता पिटता है। अनावेदक ने बताया कि वह प्रापर्टी डीलर है और स्वीकार किया कि महिना में 15,000 रुपए की शराब पी लेता है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है वह महिने का लगभग एक लाख कमाता है बच्चों के खर्च वहन करता है। अपनी पत्नी को पद्रह हजार रू. देगा। 

इस प्रकरण का निगरानी संरक्षण अधिकारी हिरवानी के द्वारा किया जाएगा। 

छ: माह के लिए निगरानी में प्रकरण दिया जाता है। इसके बाद प्रकरण रायपुर में सुनवाई के लिए लिया जाएगा। शराब की वजह से परिवार तलाक की नौबत पर आया, लेकिन दो बच्चों के भविष्य को लेकर आयोग द्वारा सुलह कराया गया। पति को समझाइश दिया गया कि जितने का शराब पिता है, उतना ही पत्नी को पति द्वारा प्रति माह देना स्वीकार किया गया।

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