बेमेतरा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 8 जून। भारत सरकार द्वारा जल शक्ति अभियान अंतर्गत कैच-द-रेन कार्यक्रम 2023 के लिए नियुक्त केन्द्रीय नोडल अधिकारी सोनमणि बोरा संयुक्त सचिव भू संवर्धन एवं वैज्ञानिक भारत सरकार सिद्धांत कुमार साहू, सीईओ वाटर शेडरणवीर शर्मा एवं संयुक्त सीईओ वाटर शेडकपील दीपक ने दो दिवसीय कैच-द-रेन के लिए मैदानी क्षेत्रों में जल संवर्धन और संरक्षण के लिए किये गये कार्यों की समीक्षा की। समीक्षा बैठक का आयोजन बुधवार को बेमेतरा मुख्यालय स्थित न्यू सर्किट हाउस के सभाकक्ष में किया गया।
जल शक्ति अभियान के अंतर्गत कैच-द-रेन कार्यों के दो दिवसीय निरीक्षण के लिए भारत सरकार द्वारा दो सदस्य दल भेजा गया है। बैठक के दौरान कलेक्टर पदुम सिंह एल्मा, जिला पंचायत सीईओ लीना मंडावी, राज्य स्तरीय अधिकारी, अपर कलेक्टर अनिल बाजपेयी उपस्थित थे।
कलेक्टर ने जल संरक्षण के कार्य बताए
कलेक्टर एल्मा ने प्रोजेक्टर के माध्यम से जिले में कैच द रेन अंतर्गत उपयोग में आने वाली समस्त पानी के जल को संरक्षित रखने के लिए चल रहे कार्यों का उल्लेख किया। उन्होंने जिले में जल शक्ति अभियान के लिए क्रियान्वयन एजेंसी की जानकारी दी जिसमें वन विभाग, कृषि, पीएचई, नगर निगम, जल संसाधन, उद्यानिकी विभाग शामिल थे। इसके पश्चात उन्होंने अमृत सरोवर की विस्तृत जानकारी दीऔर कहा कि अभी जिले में 96 अमृत सरोवर हैं जिसमे 90 सरोवर पूर्ण हों चुके हैं और 6 निर्माणाधीन हैं। उन्होंने परियोजना अंतर्गत जल ग्रहण विकास कार्यों के अंतर्गत चेक डैम, गली प्लग, जल भराव क्षेत्र विस्तार, निजी डबरी भूमिगत डाइट, स्टाप डैम जीर्णोद्धार की भी चर्चा की और उसकी स्थिति से अवगत कराया।
कुएं, तालाब सूखने से गहरा रहा जलसंकट
भू संवर्धन एवं भूजल स्तर बढ़ाने के लिए हमें नदी जलग्रहण प्रबंधन के तहत हरित गलियारों का निर्माण, बाढ़ जल के संग्रहण के लिये सक्षम पुनर्भरण क्षेत्रों के लिए चैनलों का मानचित्रण और शहरी क्षेत्रों (जहां भूजल सतह से पांच-छह मीटर नीचे है) में कृत्रिम भूजल पुनर्भरण संरचनाओं का सृजन भूजल की कमी को कम करने में योगदान कर सकते हैं। जलवायु परिवर्तन के कारण जल तालिका का स्तर गिर रहा है।
जिसके कारण सूखा, फ्लैश फ्लड और अनियमित मानसून जलवायु परिवर्तन घटनाएं हो रही है जो भारत के भूजल संसाधनों पर दबाव डाल रहे हैं। वर्तमान में भूजल संसाधनों पर अत्यधिक निर्भरता और निरंतर खपत के कारण उन पर दबाव में वृद्धि हो रही और कुएँ, तालाब, जलाशय आदि सूखते जा रहे हैं।
जल हमने उधार में लिए हैं
केंद्रीय नोडल अधिकारी भू-संवर्धन बोरा ने कहा कि जल अमूल्य है यह हमें विरासत में नहीं मिली है, हम आने वाले पीढ़ी से जल उधार में लिए हैं, इसलिए हमें भू-जल स्तर एवं उनके संवर्धन के लिए कार्य योजना बनाकर कार्य करना होगा। एकीकृत वाटरशेड प्रबंधन कार्यक्रम योजना से पूर्ण हुए 46 चेक डैम एवं वाटर शेड विकास घटक योजना से निर्माणधीन 11 चेक डैम से जल संवर्धन का कार्य बखूबी से हो रही है। इससे वाटर रिचार्ज करने एवं ग्रामीणों को लाभ मिलेगा। डब्ल्यूडीसी योजना के तहत और अधिक अमृत सरोवर बनाने के लिए निर्देश दिए हैं।
पक्षी विहार तालाब में पौधरोपण करना होगा
जिले में गिधवा-परसदा पक्षी विहार तालाब के मेड़ में पौधारोपण करना होगा। इन मेडों में बारहमासी पौधा लगाना होगा और साथ-साथ तालाबों का गहरीकरण करना होगा एवं लोगों को जागरूक करने के लिए समय-समय पर शिविर के माध्यम से अपील करनी होंगी और स्कूल में विद्यार्थियों के लिए जल संवर्धन पर प्रतियोगिता भी आयोजित करने की जरूरत है ताकि सभी जल के महत्व को समझ सके।