बालोद
पालिका के सारे भाजपा पार्षद रहे नदारद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बालोद, 13 जुलाई। जिले के बालोद नगर पालिका के खिलाफ बुधवार को भाजपाई धरने पर बैठ गए। उन्होंने जयस्तंभ चौक में कई बिदुओं पर पालिका-प्रशासन पर लापरवाही और जनता की अनदेखी का आरोप लगाया। नगर की विभिन्न समस्याओं लेकर बालोद का यह प्रदर्शन बीजेपी प्रदेश नेतृत्व के आव्हान पर था।
बुधवार को किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष पवन साहू, पूर्व प्रदेश मंत्री राकेश यादव, बीजेपी शहर अध्यक्ष सुरेश निर्मलकर, ग्रामीण अध्यक्ष प्रेम साहू, शहर महामंत्री नरेंद्र सोनवानी, पूर्व युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष अमित चोपड़ा, पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष लीला शर्मा, शहर महिला मोर्चा अध्यक्ष हितेश्वरी कौशिक, जगदीश देशमुख, गणेश साव, मोना टुवानी, चीकू चौरडिय़ा और सुमन साहू ने जयस्तंभ चौक में धरना प्रदर्शन किया। जनहित के मुद्दों को लेकर पालिका पर रोष व्यक्त किया। पालिका के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। पालिका-प्रशासन पर सरकारी धन के दुरूपयोग, सरकारी सम्पत्ति पर अवैध कब्जा कराने, निर्माण कार्य में अनियमितता, विकास कार्यो में लापरवाही सहित कई आरोप लगाए।
बीजेपी के इस धरना प्रदर्शन में पीएम आवास, विभिन्न योजनाओं के तहत मिलने वाली पेंशन के हितग्राही और आम लोग शामिल हुए। उन्होंने साथ देने के लिए मंडल अध्यक्ष सुरेश निर्मलकर और अमित चोपड़ा की तारीफ की और अपना दुखड़ा सुनाया। लेकिन पालिका के खिलाफ इस धरना प्रदर्शन में भाजपा के एक भी पार्षद नहीं पहुंचे। बालोद पालिका में बीजेपी के 6 पार्षद है, वहीं एक निर्दलीय को मिलाकर विपक्षी पार्षदों की संख्या 7 है। जिला मुख्यालय में बीजेपी की ओर से यह प्रदर्शन जनहित और मूलभूत सुविधा को लेकर थी। बावजूद इसके धरना प्रदर्शन में बीजेपी के जिलाध्यक्ष सहित बालोद पालिका के सभी विपक्षी पार्षद नदारत रहे।
बीजेपी के धरना प्रदर्शन पर बालोद नगर पालिका अध्यक्ष विकास चोपड़ा ने चुटकी ली है। उन्होंने भाजपा पार्टी के नेताओं पर तंज कसते हुए भाजपाइयों को मौसमी नेता करार दिया है। उन्होंने सवाल पूछा है कि भाजपा नेताओं को पहले बालोद की याद क्यों नहीं आई थी। दरअसल बालोद पालिका में मजबूत विपक्ष खड़ा नहीं हो पा रहा है, जो जनहित के मुद्दों को लेकर मुखर हो सके। यही कारण है कि दो साल पूर्व भी पालिका के खिलाफ धरना प्रदर्शन बालोद बीजेपी के बैनर तले किया गया। बुधवार का भी प्रदर्शन बालोद भाजपा का था।
सडक़ की लड़ाई से पार्षद गायब, पार्टी को किया आगे
बालोद पालिका जिले की सबसे बड़ी निकाय हैं, यहां विपक्ष की एक अजीब सी खामोशी पसरी हुई है। यहां सडक़ की लड़ाई से विपक्षी पार्षद पूरी तरह गायब हैं। यहां नेता प्रतिपक्ष भी नहीं है। सीधे शब्दों में कहें तो साढ़े तीन साल के कार्यकाल में विपक्ष के बीजेपी पार्षद विकास चोपड़ा के खिलाफ वैसा मुद्दा नहीं बना पा रहा है, जिसको हथियार बनाकर कांग्रेस को मात दे सके।
भाजपाई एकता का निकला दिवाला
साल के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी की बालोद भाजपाइयों को एकजुट करने की कवायद मिट्टी में मिलती दिख रही है। इसका नजारा धरना प्रदर्शन में देखने को मिला। जब पालिका के बीजेपी पार्षद और जिला मुख्यालय में निवासरत पार्टी के बड़े पदाधिकारी कार्यक्रम से नदारद रहे।
भाजपाइयों से मिलने खुद नपाध्यक्ष आए बाहर
धरना प्रदर्शन के बाद भाजपाई ज्ञापन सौंपने नगर पालिका कार्यालय पहुंचे। जहां पालिका अध्यक्ष विकास चोपड़ा उनसे मिलने अपने चेंबर से बाहर आ गए। गेट में लगे ताले को खुलवाकर उन्हें अंदर आने को कहा। पर भाजपाई आए नहीं।
भाजपाइयों के अंदर नहीं आने पर नपाध्यक्ष ने बाहर आकर उनसे मुलाकात की। नपाध्यक्ष विकास चोपड़ा का कहना है कि विपक्ष के साथ-साथ आम लोगों की समस्या का हल करना ही हमारा काम है। इसलिए मैंने खुद जाकर उनकी मांगों को जाना। यह जानकर खुशी हुई कि पिछली बार की गई मांगों में से अधिकतर मांगे उनके इस बार के ज्ञापन से नदारद थी। इससे समझा जा सकता है कि उन समस्याओं का समाधान हो गया। उसी तरह इस बार भी मांग पत्र मिला है हम उसे भी गंभीरता से लेंगे।
मुझे लगता है नगर पालिका के भाजपा पार्षद भी नगर मे विकास न होने की झूठी बातों आहत है तभी किसी एक पार्षद ने भी इस आंदोलन में भाग नहीं लिया।