बालोद

मणिपुर घटना के विरोध में आदिवासी समाज ने निकाली रैली, धरना-प्रदर्शन
24-Jul-2023 3:35 PM
मणिपुर घटना के विरोध में आदिवासी समाज ने निकाली रैली, धरना-प्रदर्शन

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बालोद, 24 जुलाई।
देश की मणिपुर राज्य में बीते लगभग 2 महीने से हो रही बेतहाशा हिंसा और कुछ दिनों पूर्व महिलाओं के परेड का वीडियो सामने आने के बाद पूरे देश में इसका विरोध हो रहा है। बालोद जिले में आदिवासी समाज की छात्राओं एवं महिलाओं ने आज देश के प्रधानमंत्री मणिपुर के मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्रियों का इस्तीफा मांगा और जोरदार प्रदर्शन किया।

दरअसल, आदिवासी छात्राओं एवं महिलाओं का कहना है कि देश का मणिपुर जल रहा है महिलाओं की इज्जत तार-तार हो रही है और यहां पर जिम्मेदार मौन बैठे हुए हैं, आखिर कोई क्यों एक्शन नहीं लिया जा रहा है। हम सब इस घटना का विरोध करते हैं, और उन सरकारों को शर्म आनी चाहिए प्रदर्शनकारी महिलाओं ने प्रधानमंत्री के नाम को गधे की तस्वीर के साथ लगा दिया।

अभी वीडियो आया सामने 

आदिवासी युवती नीलिमा श्याम ने बताया 4 मई को शूट किया गया एक वीडियो कुछ दिन पूर्व सामने आया जिसमें मणिपुर में युद्धरत समुदायों में से एक की दो महिलाओं को नग्न अवस्था में घुमाया जा रहा है, और दूसरे पक्ष की भीड़ उनके साथ छेड़छाड़ कर रही है। कथित मुख्य आरोपी को गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया गया। इस घटना की देशभर में व्यापक निंदा हुई है कुकी समुदाय के लोगों की मणिपुर में बेइज्जती की जा रही है महिलाओं पर अत्याचार और बलात्कार हो रहे हैं।

हाथों में तख्ती और पेंटिंग रख प्रदर्शन

प्रदर्शन कर रही युवतियों द्वारा हाथों में तख्तियां लेकर और पेंटिंग्स लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। इसमें प्रधानमंत्री के नाम के साथ गधे की तस्वीर भी लगा दी गई है। भारत मां के आंचल में बेटियों को सुरक्षित रखने का संदेश यह महिलाएं और युक्तियां दे रही है। महिलाओं और यूतियों का कहना है कि आज पूरे देश में महिलाओं के ऊपर अत्याचार हो रहा है। मणिपुर के इस घटना ने पूरे देश में बेटियों का कर शर्म से झुका दिया है। आज बेटियों के सर को ऊंचा करने के लिए कोई ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है, यहां पर बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के नारे को भी ढोंग का नाम इन युवतियों ने दिया है।

राष्ट्रपति शासन की मांग

प्रदर्शनकारी युवतियों और महिलाओं ने मणिपुर में राष्ट्रपति शासन की मांग की है। इन युवतियों के मन में सरकारों के प्रति गुस्सा देखने को मिल रहा था एक महिला आशा नोन्हारे ने कहा कि जिम्मेदारों ने मौन अपना लिया है। संसद में मणिपुर के नाम से राजनीति हो रही है, आखिर वहां जलते राज्य पर सुध कौन लेगा।

हम राष्ट्रपति के भी इस्तीफा की मांग करते हैं। पूरे देश में इसका विरोध हो रहा है, परंतु अब तक समुदाय विशेष को लेकर किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

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