दन्तेवाड़ा

विरोध में सडक़ जाम, घंटों बंद रहा बचेली-दंतेवाड़ा मार्ग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बचेली, 13 सितंबर। एनएमडीसी बैलाडीला लौह अयस्क की निक्षेप 4 के लिए ग्राम भांसी में जन सुनवाई का आयोजन किया गया था। ग्रामीणों द्वारा इस जनसुनवाई का विरोध कर सैकड़ों की संख्या में सडक़ जाम किया गया, जो कि रात 12 बजे रास्ता बहाल हुआ। इसमें भांसी, गमावाड़ा, नेरली, धुरली, दुगेली एवं अन्य ग्राम पंचायत के सैकड़ो ग्रामीण शामिल हुए।
मंगलवार को क्षेत्रीय कार्यालय छग पर्यावरण सरंक्षण मंडल जगदलपुर द्वारा भांसी में निक्षेप 4 के लिए जनसुनवाई का आयेाजन किया जा रहा था।
ग्रामीणों की मंाग थी कि इस जनसुनवाई को रद्द किया जाए। लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। इस बीच प्रशासन ग्रामीणों को मनाने में जुटी रही, लेकिन बातचीत में कोई हल नहीं निकल रहा था। ग्रामीण जन सुनवाई के नोडल अधिकारी को ज्ञापन देकर इस सुनवाई को रद्द करने की मंाग कर रहे थे। एनएमडीसी की ओर से टेंट लगाये गये थे व भोजन की भी व्यवस्था की गई थी, जिसका ग्रामीणों ने पूरी तरह से बहिष्कार किया।
वहीं सडक़ जाम होने के कारण दोनों तरफ वाहनों की लंबी लाईन लगी रही। बचेली से दंतेवाड़ा मार्ग घंटों जाम रहा। किरंदुल से दंतेवाड़ा जाने वाली बसें बचेली से किंरदुल होकर पालनार, नकुलनार, सातधार होते दंतेवाड़ा की ओर गई। जानकारी के अनुसार रात 12 बजे जिला प्रशासन एवं ग्रामीण के बीच समझौता के बाद रास्ता खुला।
आदिवासी नेता सुजीत कर्मा का कहना है कि आज ग्रामीण धरना प्रदर्शन कर रहे हंै, सडक़ पर उतरे हैं, उसका क्रेडिट एनएमडीसी को जाता है क्योंक उन्होंने यहां के स्थानीय आदिवासियों एवं क्षेत्र के विकास के बारे में नहीं सोचा। उन्होंने सिर्फ कॉरपोरेट घरानों के बारे में सोचा, जिस कारण से विकास सही मायने में आम जनता व आदिवासियों को मिलना था, वह नहीं मिल पाया।
ग्रामीणों का कहना है कि नया प्लांट खुलता है तो पर्यावरण को नुकसान पहुंचेगा। इस पहाड़ में हमारी आस्था है और आस्था के साथ खिलवाड़ होने नहीं देंगे। जल, जंगल, जमीन हमारा है, इसे दोहन करने नहीं देंगे।
इस दौरान दंतेवाड़ा अपर कलेक्टर संजय कन्नौजे, संयुक्त कलेक्टर सुरेन्द्र ठाकुर, एसडीएम ए.आर. नेताम, बचेली एसडीएम विवेक कुमार चंद्रा, तहसीलदार दिवेश शोरी, दंतेवाड़ा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रामकुमार बर्मन, उप पुलिस अधीक्षक कमलजीज पाटले सहित किंरदुल, बचेली, भांसी के पुलिस नगर निरीक्षक, तहसीलदार, नायाब तहसीलदार, ग्राम सरपंच, सचिव, राजनीतिक पार्टियों के पदाधिकारी एवं अन्य मौजूद रहे। सुरक्षा को लेकर पुलिस पदाधिकारी अपने दलबल के साथ डटे रहे।