राजनांदगांव
सडक़ों में बढ़ी चहल-पहल
छत्तीसगढ़ संवाददाता
राजनांदगांव, 15 सितंबर। छत्तीसगढ़ की पारंपरिक ‘तीज’ पर्व को मनाने के लिए तिजहारिनें मायके लौटने लगी है। तिजहारिनों के घर वापसी से बसें और ट्रेनें खचाखच भरी हुई है। ग्रामीण इलाकों में दौडऩे वाली बसों में महिला यात्रियों की तादाद से इस पर्व का उत्साह साफ तौर पर दिख रहा है। विशेषकर नवविवाहिताओं में मायके लौटने की खुशी और तीज पर्व का उत्साह देखने लायक है।
वैवाहिक गठजोड़ के बाद पहली बार मायके आने वाली तिजहारिनों की खुशी का ठिकाना नहीं है। वहीं परंपरागत तौर पर महिलाओं का अपने परिजनों के बीच पहुंचने का दौर जारी है। तीज पर्व को मनाने के लिए महिलाओं को इस दिन का बेसब्री से इंतजार रहता है। छत्तीसगढ़ में तीज पर्व को मनाने के लिए महिलाएं माहभर पूर्व तैयारी में जुट जाती है। पति की दीर्घायु होने की कामना लेकर महिलाएं कठिन व्रत रखती है। कई महिलाएं निर्जला व्रत रखकर ईश्वर से ताउम्र सुहागिन रहने की कामना करती हैं।
भगवान शिव और पार्वती की पूजा-अर्चना करते महिलाएं अपने पतियों के स्वस्थ एवं लंबी आयु की कामना करती है। तीज पर्व के लिए महिलाओं के साथ उनके परिजन भी इस दिन का इंतजार करते हैं। बेटियों के घर आने के बाद माता-पिता के आंखों में खुशी के आंसू नजर आते हैं। इधर शनिवार की रात में महिलाएं कडुवा भोजन कर व्रत धारण करेंगी। इसके बाद रविवार को पूरे दिन और रात महिलाएं बिना भोजन किए उपवास रखेंगी। वहीं इसके दूसरे दिन सुबह विधि-विधान से पूजा-अर्चना के बाद तिजहारिनें स्वादिष्ट भोजन और व्यंजनों का लुत्फ उठाएंगी। व्रत तोडऩे से पूर्व की रात सामुहिक रूप से घरों में भगवान शंकर और पार्वती की धार्मिक गाथाओं से जुड़े प्रवचन और गीत संगीत होंगे। साथ ही महिलाएं मिलजुलकर खानपान भी तैयार करेंगे। तीज पर्व के चलते यात्री वाहनों और मोटर साइकिलों से तिजहारिनें मायके पहुंचने लगी है।
इधर नवविवाहित महिलाओं का इस पर्व को मनाने के लिए ससुराल से मायके की ओर लौटने लगी है। महिलाओं के मायके लौटने का क्रम सप्ताहभर पहले से जिले में देखा जा रहा है। जिससे बसों, ट्रेनों में सुहागिन महिलाओं की भीड़ ज्यादा देखी जा रही है।