दन्तेवाड़ा

टीकाकरण, संस्थागत प्रसव, गर्भवतियों की स्वास्थ्य जांच पर चर्चा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दंतेवाड़ा, 16 सितंबर। जिले में शुक्रवार को बच्चों और महिलाओं के स्वास्थ्य से जुड़े विषयों पर केंद्रित कार्यशाला टेकनार में आयोजित किया गया। जिसमें में बैगा, गुनिया, पेरमा एवं सिरहा और चिकित्सा विशेषज्ञों मौजूद थे।
यह स्वास्थ्य संबंधी विमर्श यूनिसेफ, स्वास्थ्य विभाग, राजनांदगांव मेडिकल कॉलेज एवं मीडिया कलेक्टिव फॉर चाइल्ड राइट्स के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया। डॉ. अक्षय तिवारी, यूनिसेफ स्टेट आरएमएनसीएच ने कहा कि बच्चों के लिए नियमित टीकाकरण उनके भविष्य के बेहतर स्वास्थ्य के लिए बेहद आवश्यक है तथा इसमें किसी तरह भी कोई कोताही नहीं होनी चाहिए। यूनिसेफ के वल्लभ ठक्कर ने पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के जरिये 12 गंभीर बीमारियों व उनसे बचाव, गर्भवती महिलाओं, किशोरी बालिकाओं का टीकाकरण के बारे में जानकारी दी।
इस परिचर्चा में नवजात शिशुओं के लिए 1000 दिन तक आवश्यक स्तनपान, 0 से 5 वर्ष तक के बच्चों को नियमित टीकाकरण, संस्थागत प्रसव, गर्भवती माताओं की स्वास्थ्य जांच आदि विषयों पर चर्चा की गई। जिले के सदूर अंचल एवं शहरी क्षेत्र में संचालित कार्यक्रमों के बारे में विस्तार से चर्चा किया गया।
इसके साथ ही स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने बताया कि हर हाल में गर्भवती माताओं को नियम पूर्वक उचित देखभाल, आहार एवं जरूरी दवाइयों के साथ साथ नियमित स्वास्थ्य जांच और पोषण आहार से सम्बंधित जांच को आवश्यक बताया।
वहीं दूसरी ओर प्रसव पूर्व एवं प्रसव के बाद उचित देखभाल के लिए स्थानीय स्वास्थ्य सेवाओं के उपयोग और उससे होने वाले फायदों को बताया गया।
श्याम कुमार, समन्वयक मीडिया कलेक्टिव फॉर चाइल्ड राइट्स ने कहा कि हमें हर हाल में बच्चों के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। वयस्कों में बीपी-शुगर जैसी बीमारियां आम हो गई है। स्तनपान से बच्चों की रोग प्रतिरक्षक क्षमता बढ़ती है। स्तनपान करवाने से माताओं को स्तन कैंसर से बचाव होता है। माहवारी की वजह से एनीमिक होने से बचने के लिए आयरन टेबलेट और अन्य चीजों की जरूरत होती है। मुनगा यानी सहजन की पत्तियों का पाउडर उपयोग करना चाहिए।
अंकित सिंह ने कहा कि सर्प दंश पीडि़त को झाड़-फूंक करने की बजाय तत्काल हॉस्पिटल ले जाएं। गर्भवती महिलाओं का प्रसव घर में नहीं, बल्कि हॉस्पिटल में करवाएं।
जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. एस मंडल ने पोलियो ग्रस्त बच्ची के इलाज में जटिलता और नवजात को पोलियो टीकाकरण से मिली सुरक्षा को तुलनात्मक ढंग से बताते हुए टीकाकरण के फायदे बताए। उन्होंने कहा कि टीकाकरण करवाने से 12 प्रकार की बीमारियों से बचाव होता है।
कार्यक्रम में जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ संजय बसाक, बीएमओ डॉ आरके राय ने भी मार्गदर्शन दिया। प्रमोद पोटाई लोक प्रशिक्षक ने स्वास्थ्य संबंधित जानकारी देते हुए लोगों की जिज्ञासा का समाधान किया। इस अवसर पर बीरबल सिंह ठाकुर, मुकुंद सिंह, मधुसूदन सेठिया, जिले के बैगा, गुनिया, सिरहा, पेरमा और सामाजिक कार्यकर्ता सहित एमसीसीआर के वरिष्ठ सदस्य कमलेश पैकरा, शैलेंद्र ठाकुर और आशीष पदमवार मौजूद थे।