गरियाबंद

आदिवासी समाज पर हुए एफआईआर को लेकर जेल भरो आंदोलन
16-Sep-2023 8:35 PM
आदिवासी समाज पर हुए एफआईआर को लेकर जेल भरो आंदोलन

सैकड़ों आदिवासियों ने दी गिफ्तारी, जमानत लेने से किया इंकार

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

गरियाबंद, 16 सितंबर। आदिवासी युवक की मौत को लेकर वन विभाग का घेराव करने वाले आंदोलनकारी के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने से नाराज आदिवासी समाज ने शुक्रवार को इसके विरोध में जिला मुख्यालय गरियाबंद में जेल भरो आंदोलन का आयोजन किया।

इस दौरान आदिवासी समाज ने वन विभाग और पुलिस प्रशासन के विरूद्ध कड़े शब्दों में नारेबाजी की और एफ.आई.आर. के खात्मा करने की मांग की। इधर, जेल भरो आंदोलन के चलते एक बार फिर नेशनल हाइवे घंटों बाधित रहा। ज्ञात हो की इसके पहले 6 सितंबर को भी आदिवासी समाज के आंदोलन के कारण नेशनल हाइवे घंटों बाधित था।

इसके पहले आदिवासी विकास परिषद भवन मजरकट्टा से रैली के शक्ल में निकले आदिवासी समाज के लोगों को जिला प्रशासन ने तिरंगा चौक में बेरीगेट्स लगाकर रोक दिया। यहां से रैली को डायवर्ट कर अस्थाई जेल गांधी मैदान ले गए। सैकड़ों की सँख्या में आदिवासियों  ने अपनी गिरफ्तारी दी।

इस दौरान आदिवासी नेत्री लोकेश्वरी नेताम ने आरोप लगाया कि वन विभाग और पुलिस विभाग षडयंत्र कर आदिवासियों को दबाने की कोशिश कर रहा है। इंसाफ मांगने वालों को जेल में डाला जा रहा है। उन्होंने कहा कि पुलिस एफआईआर का खात्मा करें।

वहीं आदिवासियों ने कहा कि आदिवासियों के खिलाफ किये गये एफ आई आर खत्म नहीं किया जाता है तब तक पूरे जिले भर के आदिवासी इसी जेल में रहेंगे।

 इस अवसर पर प्रमुख रूप से सर्व आदिवासी समाज अध्यक्ष भारत दीवान, जिला पंचायत सदस्य एवं आदिवासी नेत्री लोकेश्वरी नेताम, नरेंद्र ध्रुव, उमेंद्री कोर्राम, पन्नालाल ध्रुव, सरपंच संघ अध्यक्ष मनीष ध्रुव, गजेंद्र पुजारी, इंदर ध्रुव सहित बड़ी संख्या में आदिवासी समाज के लोग मौजूद थे।

इस दौरान आदिवासी नेताओं ने कहा की हम सब आदिवासी एक है किसी भी आदिवासी के खिलाफ अत्याचार आदिवासी समाज बर्दास्त नहीं करेगा, उन्होंने आगे कहा की जब तक आदिवासियों के खिलाफ किये गये एफ आई आर खत्म नहीं किया जाता है तब तक पूरे जिले भर के आदिवासी इसी जेल में रहेंगे, वहीं जानकारी के अनुसार अन्त: वन विभाग किये गए एफआईआर वापस लेने के आश्वासन पर देर शाम तक जेल भरो आंदोलन समाप्त किया गया।

ज्ञात हो कि वनभूमि में अतिक्रमण मामले में गिरफ्तार आदिवासी युवक भोजराम ध्रुव के अभिरक्षा अवधि में हुई मौत की  जांच, वन रक्षक के विरूद्ध कार्रवाई और मुआवजे की मांग को लेकर गत 6 सितंबर को आदिवासी समाज ने जिला मुख्यालय गरियाबंद में उग्र आंदोलन करते हुए वन विभाग के दफ्तर का घेराव किया था। इस दौरान आंदोलनकारी, रोकथाम के लिए बनाए गए बेरीगेट्ड तोड़ कर दूसरे गेट से अंदर तक घुस आए थे। कुर्सियां तोड़ दी थी।

घटना के बाद वनक्षेत्रपाल के शिकायत पर पुलिस ने मृतक भोज राम ध्रुव के परिजन एवं इंदर ध्रुव, लोकेश्वरी नेताम, महेन्द्र नेताम, मनीष ध्रुव, गजेन्द्र (गज्जु) पुजारी, टिकेश्वर ध्रुव, नरेन्द्र ध्रुव एवं अन्य व्यक्ति के विरूद्ध घेराव के दौरान तोडफोड करने, शोर शराबा करने, कार्यालय के बाहर लगे बेरिकेट, कुर्सीयों एवं दो मोटर सायकल व एक सायकल को तोडफ़ोड़ करने को लेकर धारा 147, 149, 427, 351 भादवि के तरह अपराध दर्ज किया है।

इस दौरान प्रमुख रूप से अपर कलेक्टर अविनाश भोई, एएसपी डीसी पटेल, एडीएम भूपेंद्र साहू, एसडीओपी पुष्पेंद्र नायक, डीएसपी निशा सिन्हा सहित बड़ी संख्या में पुलिस के जवान मौजूद थे।

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