रायगढ़

एनटीपीसी लारा प्रबंधन के खिलाफ ओडिशा में आंदोलन, एनएच49 को बाधित कर सडक़ पर प्रभावित
17-Sep-2023 8:16 PM
एनटीपीसी लारा प्रबंधन के खिलाफ ओडिशा में आंदोलन, एनएच49 को बाधित कर सडक़ पर प्रभावित

आर्थिक नाकेबंदी के आगे झुका एनटीपीसी लारा प्रबंधन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता 
रायगढ़, 17  सितंबर।
अपने कुप्रबंधन और तानाशाही रवैए को लेकर बदनाम एन.टी.पी.सी. लारा के खिलाफ पड़ोसी राज्य ओडिशा  के सीमावर्ती इलाके में जबरदस्त जन विरोध आंदोलन शुरू किया। दजचब लारा से प्रभावित ओडिशा राज्य के ग्रामीण सैकड़ों की संख्या में दी 49 को बाधित करते हुए आंदोलन में बैठ गए। यहां पिछले 24 घंटे से आवागमन पूरी तरह से बंद कर दिया गया। 

बीते कल की शाम एनटीपीसी लारा प्रबंधन की तरफ से कन्हैया दास एजीएम, रविंद्र बेहरा डीजीएम और डिप्टी कलेक्टर रायगढ़ सहित लखनपुर बीडीओ ने आंदोलन स्थल पर जाकर ग्रामीणों से बात करने की कोशिश की लेकिन वार्ता पूरी तरह से असफल रही। 
प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्रामीणों की ज्यादातर मांगे एनटीपीसी लारा प्रबंधन ने मान ली है। सूत्रों के अनुसार शनिवार देर शाम प्रबंधन की एक टीम ने आंदोलन स्थल पर पहुंच कर आंदोलनकारी  ग्रामीणों से स्थानीय प्रशासन और पुलिस अधिकारियों के बीच बातचीत की और लिखित आश्वासन दिया कि उचित मांगों का जल्दी ही समाधान निकाला जाएगा। बातचीत के बाद आखिरकार ग्रामीणों ने नाकेबंदी खोली और एनएच 49 पर आवागमन शुरू हो सका।  

बताया जा रहा है कि एनएच 49 पर आंदोलन के लिए करीब 500, से 1000 की संख्या में ग्रामीण अलग-अलग समूह में बैठे हुए है। ग्रामीण अपनी मांगों को लेकर बीती पूरी रात नेशनल हाइवे को जाम कर धरने पर बैठे रहे।

एनटीपीसी लारा के खिलाफ बैठे ग्रामीणों की माने तो जब से छग और ओड़ीसा के सीमांत इलाके में एनटीपीसी लारा का उत्पादन शुरू हुआ है,तब से ओड़ीसा के एक दर्जन से अधिक गांवों में प्रदूषण की भारी समस्या आ खड़ी हुई है। प्लांट से निकलने वाले जहरीले राखड़ फ्लाई ऐश ने इन गांवों में रहने वाले हजारों लोगों का जीवन और आसपास के वातावरण में गहरा दुष्प्रभाव डाला है। हर साल एन टी पी सी लारा के राखड़ डेम से बारिश के समय बड़ी मात्रा में फ्लाई एस बहकर सैकड़ों एकड़ खेतों की फसल बर्बाद कर देती है। वहीं सूखे दिनों में राख उड़ कर लोगों के घरों में घुस जाता है जिससे उनके स्वास्थ्य और जनजीवन पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है।

आंदोलन में बैठे ग्रामीणों का कहना है कि उनकी समस्या यहीं खत्म नहीं होती एनटीपीसी लारा की तरफ रोजाना जाने वाली हजारों भारी भरकम ट्रकों से प्रदूषण तो बढ़ा ही है आसपास की सडक़े भी खराब हुई है। वही सडक़ों में आए दिन होने वाली दुर्घटनाओ की वजह बड़ी संख्या में लोग मर भी रहे हैं। आंदोलन का नेतृत्व कर रहे जनप्रतिनिधियों ने बताया कि पिछले कई सालों से वो एनटीपीसी लारा प्रबंधन को अपनी समस्या लिखित में दे रहे है लेकिन उनकी तरफ से कोई समाधान का प्रयास नही किया गया है। एनटीपीसी लारा भले ही छ ग में बना है परंतु उसका दुष्प्रभाव सबसे ज्यादा ओडिशा के लोगों पर रहा है। इसके बावजूद एनटीपीसी लारा सीएसआर की राशि से यहां कोई जन हित का कार्य नही करवाता है न ही प्रभावित ग्राम पंचायतों में से किसी को रोजगार दे रहा है।

इस आंदोलन की वजह से एनएच 49 के दोनो तरफ करीब 30 किलोमीटर का जाम लगा हुआ है। दोनो तरफ हजारों ट्रकें खड़ी है। ग्रामीण अपनी चार सूत्रीय मांगों के माने जाने तक जिनमे मुख्य रूप से प्रदूषण की समस्या , रोजगार, सीएसआर से निर्माण और सडक़ हादसों पर नियंत्रण को एनटीपीसी लारा प्रबंधन के माने बिना आंदोलन खोलने को किसी शर्त पर राजी नहीं हैं।

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