कवर्धा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बोड़ला, 17 सितंबर। विश्वकर्मा जयंती पर रविवार को नगर पंचायत क्षेत्र के अलावा विकासखंड क्षेत्र में देव शिल्पी भगवान विश्वकर्मा की प्रतिमा जगह-जगह स्थापित कर विधि विधान के साथ पूजा पाठ प्रारंभ कर दिया गया है।
आज दिन भर देव शिल्पी भगवान विश्वकर्मा की आराधना और पूजा चलती रही है। दिन भर पूजा पाठ के बाद कल हवन पूजन कर भगवान विश्वकर्मा को विसर्जित किया जाना है।
नगर पंचायत के वार्ड नंबर 5 राजमहल कॉलोनी में विश्वकर्मा व्यापार समिति एवं विश्वकर्मा उत्सव समिति के द्वारा देश शिल्पी भगवान विश्वकर्मा की मूर्ति रखी गई। आज दोपहर विधि विधान से पूजा पाठ का भगवान विश्वकर्मा की पूजा की गई जिसमें नगर के व्यापार समिति के सदस्य मां बंजारी गेराज पूजा फ्लेक्स अमृत तुल्य चाय सेंटर प्रकाश चॉइस सेंटर न्यू शक्ति क्लाथ सेंटर न्यू शक्ति ट्रेडिंग न्यू शक्ति जनरल स्टोर राज कृषि केंद्र वैश्णवी ऑटो पार्ट्स पटेल ऑटो पार्ट्स श्री राम टाइल्स के संचालकों ने भगवान विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर प्रतिमा स्थापित करने में सहयोग प्रदान किया ।
गौरतलब है कि प्रतिवर्ष 17 सितंबर के दिन देवशिल्पी विश्वकर्मा जयंती मनाई जाने की परंपरा रही है विश्वकर्मा जयंती के दिन समस्त मैकेनिक को के द्वारा अपने सामान औजारों की पूजा अर्चना की जाती है इसके अलावा लोगों के द्वारा अपने वाहन आदि की पूजा किए जाने की परंपरा है जयंती के दिन समस्त कामगारों के द्वारा काम बंद कर अपने औजारों के पूजा पाठ किया जाता है । आज सवेरे से ही नगर के साथ कामगारों के द्वारा विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर अपने औजारों की पूजा पाठ कर भगवान विश्वकर्मा की मूर्ति स्थापित किया। साथ ही सामान्य लोगों ने भी अपने-अपने वाहन और अन्य मैकेनिक सामानों की पूजा पाठ कर विश्वकर्मा जयंती मनाई।
खदान देखने मलाजखंड जाते हैं लोग
विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर बोड़ला व आसपास के गांव से बड़ी संख्या में लोग मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले में स्थित मलाजखंड के खदान घूमने जाते हैं। विश्वकर्मा जयंती के दिन ताम्र अयस्क के माइंस को जन सामान्य के लिए खोला जाता है क्षेत्रीय लोगों के अलावा आसपास के सैकड़ो गांव के लोग मलाजखंड में ताम्र अयस्क की खुली खदानों को देखने जाते हैं। आज भी बड़ी संख्या में बोड़ला विकासखंड के कई गांव से लोग मलाजखंड में खुली खदान को देखने के लिए गए हैं।
इस विषय में और अधिक जानकारी देते हुए नगर के पुराने मैकेनिक संतोष केसरवानी ने बताया कि आजकल गांव गांव में भगवान विश्वकर्मा की मूर्तियां रखी जाती है और पूजा पाठ किया जाता है।
पहले लोग भगवान की फोटो की पूजा कर सवेरे से ही दिन भर के लिए मलाजखंड के खदान को देखने जाया करते थे, वह परंपरा आज भी कायम है भले ही कम लोग जाते हैं लेकिन मलाजखंड खदान देखने के लिए आज भी बड़ी संख्या में लोग जाते हैं।