धमतरी

नगरी, 22 सितम्बर। विगत कई पीढिय़ां से वन ग्राम के निवासी अपनी जल जंगल जमीन की लड़ाई लड़ते आ रहे हैं विगत 2013 में सरकार ने वन ग्रामवासियों के भूमि को राजस्व का दर्जा देने की घोषणा किया। लेकिन आज तक वनग्रामवासियों को राजस्व ग्राम का दर्जा नहीं मिला। न ही उनकी भूमि को राजस्व रिकार्ड में दर्ज किया जा रहा है। वनग्राम संघर्ष समिति के महेन्द्र नेताम ने बताया कि कई बार विरोध प्रदर्शन करने के बाद अभी कुछ गांव में भुंइया पोर्टल में का काम किया जा रहा है, लेकिन उसमें गंभीर त्रुटि की जा रही है। कब्जेदार के स्थान पर छत्तीसगढ़ शासन या बड़े झाड़ के जंगल या वन पट्टाधारी लिखा जा रहा है। जिससे वनग्रामवासी आक्रोशित हैं। इससे साबित होता है कि शासन अभी भी वनग्राम वासियों को ठेंगा दिखाने का काम कर रही है। छत्तीसगढ़ में अभी विधानसभा चुनाव होना है वनग्रामवासी समय का तकाजा को देखते हुए चुनाव में सरकार को सबक सिखाएंगे। जैसे राजस्व ग्रामों की भूमि ऑनलाइन है वैसे ही वनग्राम की भूमि को यदि राजस्व ग्राम का दर्जा दिया है तो वैसे ही कब्जेदार का नाम का उल्लेख हो।
इस संबंध में 25 सितंबर सोमवार को नगरी अनुविगीय अधिकारी को ज्ञापन सौंपा जाएगा।