कोण्डागांव

बुधवार को खुलेगा माता लिंगेश्वरी गुफा मंदिर का द्वार
25-Sep-2023 8:45 PM
बुधवार को खुलेगा माता लिंगेश्वरी  गुफा मंदिर का द्वार

साल में एक बार खुलता है, अन्य राज्यों से भी आते हैं श्रद्धालु 

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

केशकाल/फरसगांव,  25  सितंबर। साल में एक बार खुलने वाला आलोर झाटीबन की पहाड़ी गुफा पर स्थित माँ लिंगेश्वरी मंदिर इस साल 27 सितंबर दिन बुधवार को खुलेगा। लिंगेश्वरी माई के दर्शन के लिए देश के सभी राज्यों से हजारों लोग पहुंचते हैं।

ज्ञात हो कि बस्तर धार्मिक आस्था के लिए पूरे विश्व में प्रख्यात है। कोंडागांव जिला अंतर्गत फरसगांव ब्लॉक के ग्राम पंचायत झाटीबन आलोर की खूबसूरत पहाडिय़ों के बीच एक विशालकाय चट्टान के गुफानुमा आकार में शिवलिंग के अवतार में माता लिंगेश्वरी विराजमान है। जहां हर वर्ष हजारों की संख्या में भक्त अलग-अलग राज्यों से मन्नत की कामना लिए दर्शन करने पहुँचते हैं।

अधिकांश निसंतान दंपत्ति संतान की प्राप्ति के लिए माता लिंगेश्वरी के दर्शन करने पहुँचते हंै। मान्यता है कि जो भी सच्चे मन से माता का आशीर्वाद लेते हैं निश्चित ही उन सभी का मनोकामना पूरी होती है, इसीलिए श्रद्धालुओं को माता लिंगेश्वरी का पट खुलने का बड़ी बेसब्री से इंतजार रहता है। छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्यों से भी श्रद्धालु अपनी मनोकामना लिए माता के दर्शन को पहुंचते हंै। 

पट खुलते ही रेत में दिखता है पद चिन्ह
वर्षों से यह मानता है कि जब भी माता लिंगेश्वरी का द्वार खोला जाता है तो सबसे पहले रेत में पद चिन्ह को देखा जाता है । रेत में दिखाई देने वाला पद क्षेत्र के विकास, खुशहाली, शांति, भय, आतंक विवाद आदि को दर्शाता है । हर साल जंगली जानवरों का पद चिन्ह दिखाई देता है।

संतान प्राप्ति के लिए खीरा   चढ़ाते हैं प्रसाद
माता लिंगेश्वरी को संतान प्राप्ति की देवी कहा जाता है। जो भी दंपत्ति सच्चे मन से माता के दरबार में पहुंचते हैं और खीरा चढ़ाते हैं उन सभी दंपत्तियों की मनोकामना पूर्ण होती है । चढ़ाए हुए खीरा को पुजारी के द्वारा दंपत्तियों को प्रसाद के रूप में दिया जाता है और उसे दंपत्तियों  द्वारा नाख़ून से फाड़ कर उसी पहाड़ी पर बैठकर प्रसाद ग्रहण किया जाता है।

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