गरियाबंद

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
मैनपुर, 28 सितम्बर। गणपति बप्पा मोरया मंगल मूर्ति मोरया के नारों से गूंजती रही मैनपुर की सडक़ें, जिसको देखो वहीं अपने आराध्य को सबसे शानदार विदाई देना चाहते थे। हर तरफ रंगों और फूलों की होली खेलने वालों की भीड़ लगी थी बाजे-गाजे डीजे के साथ निकाली गई भगवान गणेश विसर्जन यात्रा में भक्तगण नाश्ते झूमते नजर आए।
10 दिन तक चले गणेश उत्सव का समापन अनंत चतुर्दशी पर हुआ। इस दिन बप्पा की प्रतिमा का विसर्जन कर उन्हें विदाई दी गई। कहते हैं अनंत चतुर्दशी पर गणेश भी अपने लोक लौट जाते हैं इसके साथ भक्तों की सारी पेरशानी, संकट अपने साथ ले जाते हैं। धार्मिक मान्यता है कि विधि पूर्वक गणपति का विसर्जन करने से साल भर भक्तों के घर धन, सुख, समृद्धि बनी रहती है।
हिंदू धर्म में गणेश जी की पूजा विशेष महत्व रखती है। माना गया है कि गणेश उत्सव के 10 दिनों में गणेश जी की पूजा करने से व्यक्ति के सभी दुख-संताप समाप्त हो जाते हैं। गणेश चतुर्थी के दसवें दिन यानी अनंत चतुर्दशी के दिन गणपित विसर्जन किया जाता है। माना जाता है कि इस दिन बप्पा वापस अपने घर जाते हैं। ऐसे में उन्हें खुशी-खुशी विदा करना चाहिए।