धमतरी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कुरूद, 28 सितम्बर। आचार संहिता लागू होने से पहले मुख्यमंत्री की घोषणा एवं विधायक द्वारा स्वीकृत कराए गए करोड़ों के विकास कार्यों सहित नगर हित से जुड़े विभिन्न प्रस्तावों पर परिषद की मुहर लगाने बुलाई गई विशेष बैठक लेनदेन के आरोप प्रत्यारोप में उलझ गई। विवाद बढ़ता देख सीएमओ ने बैठक को आगामी तिथि तक के लिए स्थगित कर दिया।
नगर पंचायत कुरूद कहने को तो एक तरफा कांग्रेसी की बहुमत वाली संस्था है, लेकिन स्व दलिय पार्षदों के बीच गंभीर मतभेद समय समय पर उजागर होते रहे हैं। ऐसी ही स्थिति बुधवार को परिषद् की सामान्य सभा विशेष सम्मेलन के रूप में नजर आईं। निविदा दर स्वीकृत मामले को लेकर अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष के बीच ठेकेदार से सेटिंग करने संबंधी आरोप प्रत्यारोप होने लगा। अध्यक्ष व सीएमओ के जवाबों से असंतुष्ट उपाध्यक्ष मंजू प्रमोद साहू बैठक छोडक़र चली गई। सत्ता पक्ष को ही आपस में लड़ता देख नेता प्रतिपक्ष भानु चंद्राकर भी अपने सहयोगियों के साथ बैठक का बहिष्कार कर बाहर निकल आए।
विपक्षी पार्षदों का कहना है कि त्वरित सूचना पर बुलाई गई विशेष बैठक में जरुरी मुद्दों पर विचार करने की जगह 27 विषयों को बैठक में रखा गया। जिसमें से अधिकांश ठेकेदार और टेंडर से जुड़े थे। बताया गया कि साहु समाज भवन के लिए भूमि आवंटन एवं निविदा में सेटिंग को लेकर उपाध्यक्ष नाराज थी। सत्ता पक्ष के कुछ पार्षद इस बात से नाराज थे कि विधायक द्वारा स्वीकृत राशि से होने वाले काम का फायदा नगरवासियों की जगह उन्हीं के एक रिश्तेदार को होने वाला था, ऐसे स्वहित वाले कामों में परिषद की मुहर लगवाने आनन-फानन में बैठक बुलाई गई।
शायद यही वजह से चार पार्षद बैठक में आएं ही नहीं। बैठक के बारे में सीएमओ दीपक खांड़े ने बताया कि पार्षद दल में समन्वय नहीं बन पाने के कोई सहमति नहीं बनी तो बैठक को अगली तिथि तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। नपं अध्यक्ष तपन चंद्राकर ने ठेकेदारों से सेटिंग एवं लेनदेन के आरोप को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि कुछ बड़ी ताकतें पर्दे के पीछे से पार्षदों को गुमराह कर मुझे नगर की राजनीति में उलझाए रखना चाहते हैं, ताकि मैं विधानसभा सभा का दौरा ना कर सकूं।