बस्तर

राष्ट्रीय सूक्ष्म खाद्य उद्यमिता योजना की सहायता से गीता बनीं आत्मनिर्भर
29-Sep-2023 2:44 PM
राष्ट्रीय सूक्ष्म खाद्य उद्यमिता योजना की सहायता से गीता बनीं आत्मनिर्भर

अचार-पापड़ एवं मसाला यूनिट से कर रही हैं आय संवृद्धि

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 29 सितम्बर।
जिले के बकावण्ड निवासी गीता वैष्णव विपरीत परिस्थितियों के बावजूद अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति और शासन की योजना से लाभान्वित होकर स्वयं का कारोबार स्थापित कर आज आत्मनिर्भर बन गई हैं। हायर सेकंडरी तक शिक्षा प्राप्त अपने पति के निधन के बाद आर्थिक रूप से  असहाय हो गई थी। उनके पास कोई रोजगार नहीं था, उन्हे अपना जीवन यापन करने क लिए दूसरे के ऊपर निर्भर  होना पड़  गया था। 

गीता बताती हैं कि इस बीच स्वयं के पास बचत राशि एवं परिचितों की मदद से आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम बढ़ाया और बकावण्ड में टिफिन का व्यवसाय शुरू किया, इसके साथ ही आमदनी में ईजाफा के लिए सिलाई का काम भी करने लगी। जिससे उसकी आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ। लेकिन गीता अपने परिवार के लिए आय का स्थायी समाधान मन में रखी थी, जिसे पूरा करने के लिए उसे सहायता की जरूरत थी।

इस दौरान जब 2018 में गांव की महिलाएं स्व सहायता समूह गठित कर रही थीं तो गीता भी इस समूह मे जुड़ गई और बिहान समूह में शामिल होकर अचार-पापड़ का काम करने लगीं। इसी बीच में गीता ने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से प्रशिक्षण प्राप्त किया और कलस्टर फंड से 60 हजार रुपये ऋण प्राप्त कर वह स्वयं का अचार-पापड़ बनाने का व्यवसाय शुरू किया। जिससे उसकी आमदनी में बढ़ोतरी होने लगी और अपने दोनों बेटे की की परवरिश तथा पढ़ाई पर ध्यान देने लगीं। गीता अपने व्यवसाय को और आगे बढ़ाना चाहती थीं जिसके लिए वह 2021 में राष्ट्रीय सूक्ष्म खाद्य उद्यमिता योजनानान्तर्गत  80 हजार रुपये की सहायता लेकर मसाला यूनिट लगाई और अपने व्यवसाय को उन्नति की ओर बढ़ाया। गीता दीदी अब स्वयं से अपने और अपने परिवार के लिए स्थायी आय का स्रोत विकसित कर चुकी थीं। 

कड़ी मेहनत एवं लगन से संचालित अपने इस व्यवसाय से गीता दीदी ने बैंक का ऋण अदा करने के बाद खुद का घर बनाया और गाड़ी भी ली। उसने न केवल अपने व्यवसाय को बढ़ावा दिया, बल्कि अपने बेटे के भविष्य को भी संवारने में सफलता पाई। अपने बेटे के लिए नए द्वार खोलकर वह उसे एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने की संभावना दिलाई। गीता दीदी की कहानी हमें यह सिखाती है कि संघर्षों और चुनौतियों के बावजूद, हार नहीं मानना और अपने सपनों को पूरा करने के लिए कठिनाइयों का डटकर सामना करना सफलता की कुंजी है।
 


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