बेमेतरा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 30 सितम्बर। शहर के मोहभठ्ठा का मार्ग स्थित चेतना नर्सिंग होम में सडक़ हादसे में घायल बच्चे के प्राथमिक उपचार के एवज में अनाप-शनाप पैसा मांगने को लेकर 100 से अधिक युवकों ने भारी हंगामा किया। अस्पताल प्रबंधन पर कार्रवाई को लेकर युवा नेता प्रांजल तिवारी के नेतृत्व में लोग करीब दो घंटे तक प्रदर्शन करते रहे। इस दौरान हंगामा बढ़ता देख सिटी कोतवाली से पुलिस को बुलाया गया।
एसडीएम की समझाइश के बाद प्रदर्शनकारी हुए शांत
घटना की जानकारी बेमेतरा एसडीएम सुरुचि सिंह को दी गई। एसडीएम ने तहसीलदार परमानन्द बंजारे को अस्पताल भेजा, लेकिन प्रदर्शन कर रहे युवक कार्रवाई के बिना प्रदर्शन खत्म करने को तैयार नहीं हो रहे थे। इसके बाद बेमेतरा एसडीएम अस्पताल पहुंची और उन्होंने मामले की जांच कर कार्रवाई का आश्वासन दिया। तब कहीं जाकर आक्रोशित युवक शांत हुए।
प्रदर्शनकरियो व डॉक्टर के बीच तीखी बहस
अस्पताल प्रबंधन की ओर से बच्चे को डिस्चार्ज करने की एवज में 10 हजार रुपए की मांग की गई। यहां परिजनों की ओर से 10 हजार रुपए का बिल मांगने पर अस्पताल प्रबंधन ने देने से साफ इंकार कर दिया। इसके बाद गांव से आए लोगों ने अस्पताल प्रबंधन के रवैया से युवा नेता प्रांजल तिवारी को अवगत कराया। प्रांजल तिवारी ने फोन पर अस्पताल के डॉक्टर से बच्चे को डिस्चार्ज करने का आग्रह किया, लेकिन डॉक्टर ने 10 हजार रुपए लेने के बाद ही बच्चे को डिस्चार्ज करने की बात कही। इससे नाराज युवा नेता अपने समर्थकों के साथ चेतना नर्सिंग होम पहुंचा। अस्पताल प्रबंधन पर कार्रवाई की मांग को लेकर प्रदर्शन करने लगा। इस दौरान डॉक्टर व प्रदर्शनकारियों के बीच तीखी बहस देखने को मिली। मौके पर मौजूद लोगों ने बीच-बचाव कर मामले को शांत कराया।
सडक़ हादसे में घायल बच्चे के इलाज के लिए पहुंचे थे अस्पताल
जानकारी के अनुसार ग्राम पिपराभट्टा निवासी नकुल साहू का 13 वर्षीय बेटा परमेश्वर गांव के युवक की मोटरसाइकिल से ठोकर के बाद घायल हो गया। जिसे परिजन इलाज के लिए चेतना हॉस्पिटल लेकर पहुंचे। बच्चे का स्वास्थ्य परीक्षण कर डॉक्टर ने इलाज में करीब 50 हजार रुपए का खर्च आने की बात कही।
बाहर से आए डॉक्टरों की जानकारी स्वास्थ्य विभाग को नहीं दी जा रही
अतुल साहू ने बताया कि बिना लाइसेंस अस्पताल प्रबंधन की ओर से सोनोग्राफी मशीन का संचालन किया जा रहा था। शिकायत के बाद स्वास्थ्य विभाग हरकत में आया और अस्पताल प्रबंधन को नोटिस थमाया था। अस्पताल में हड्डी रोग विशेषज्ञ नहीं होने के बावजूद सडक़ हादसे में घायल बच्चे को इलाज के लिए भर्ती किया गया। इस संबंध में पूछने पर अस्पताल के डायरेक्टर ने बाहर से डॉक्टर बुलाने की बात कही, जबकि अस्पताल प्रबंधन की ओर से स्वास्थ्य विभाग को बाहर से बुलाए जाने वाले डॉक्टरों की विधिवत कोई सूचना नहीं दी गई है।
एसडीएम के आश्वासन के बाद प्रदर्शनकारी हुए शांत
प्रदर्शनकारी बच्चों को डिस्चार्ज करने की मांग कर रहे थे ,जबकि डॉक्टर पैसा लिए बिना बच्चों को डिस्चार्ज नहीं करने की बात कह रहा था। इसी बात पर हंगामा बढऩे लगा। हंगामा की जानकारी मिलने पर कोतवाली थाना प्रभारी दल-बल के साथ अस्पताल पहुंचे। घटना की जानकारी एसडीएम को मिलने पर तहसीलदार को अस्पताल भेजा। उनके मन मनोबल के बावजूद प्रदर्शनकारी शांत नहीं हुए ,तो एसडीएम स्वयं अस्पताल पहुंचने के बाद उन्होंने मामले की जांच कर कार्रवाई का आश्वासन दिया तब कहीं जाकर प्रदर्शनकारी शांत हुए।
चेतना नर्सिंग होम के डायरेक्टर डॉ. मनु मिश्रा ने कहा कि मरीज के परिजनों को इलाज का सारा खर्च बताया गया था। उनकी राजा मंडी के बाद ही बच्चे का इलाज शुरू किया गया। उसके बाद कुछ अज्ञात युवक अस्पताल पहुंचकर बच्चों को डिस्चार्ज करने को लेकर हंगामा करने लगा। उसे समय तक बच्चों के इलाज में आए खर्च 10 हजार रुपए मांगे गए। जिसे देने से इंकार करते हुए बच्चे को डिस्चार्ज करने कहा गया इसी बात को लेकर कुछ युवक हुआ हंगामा कर रहे थे।
सीएमएचओ डॉ. जीएल टण्डन ने कहा कि बाहर से बुलाए जाने वाले डॉक्टरों की सूचना अस्पताल प्रबंधन की ओर से नहीं दी गई है। जिला मुख्यालय समेत जिले से संचालित सभी प्राइवेट अस्पतालों को बाहर से बुलाए जाने वाले डॉक्टरों की सूची विभाग में जमा करने नोटिस जारी किया जाएगा। प्रकरण के संबंध में शिकायत मिलने पर जांच कर कार्रवाई की जाएगी।