बेमेतरा

1296 सरकारी स्कूलों में छात्रों की अपेक्षा छात्राओं की संख्या 6 हजार से भी अधिक
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 1 अक्टूबर। जिले के शासकीय स्कूलों में बालिकाओं को पढ़ाने में पालको ने अधिक रूचि दिखाई है। दूसरी तरफ अशासकीय स्कूलों में पढऩे वालों में बालको की संख्या अधिक है। जिले के 743 प्राथमिक, 387 मिडिल, 71 हाईस्कूल व 95 हायर सेकंडरी स्कूल संचालित हो रहे हैं। जिले के 1296 सरकारी स्कूलों में बालकों की अपेक्षा बालिकाओं की संख्या 6 हजार से भी अधिक है। दूसरी तरफ 303 अशासकीय स्कूलों में बालकों की अपेक्षा बालिकाओं की संख्या करीब 3 हजार कम है।
जानकारी हो कि जिले के स्कूलों में जारी शिक्षण सत्र के दौरान 1296 सरकारी स्कूलों में 167689 स्टूडेंट्स हैं, जिसमें 743 प्राथमिक स्कूलों में सर्वाधिक 71371 स्टूडेंट्स हैं. जिनमें 35510 बालक एवं 35861 बालिका हैं। 387 मिडिल स्कूलों में 22979 बालक एवं 24464 बालिकाएं हैं। समेत 47443 स्टूडेंट्स हैं। 71 हाईस्कूलों में 29053 स्टूडेंट्स में 13685 छात्र एवं 15348 छात्राएं हैं। 95 हायर सेकंडरी स्कूलों में 8330 बालक व 11512 बालिका समेत 19842 स्टूडेंट्स हैं। जिले के कुल 1296 स्कूलों में 80504 बालक व 87185 बालिकाएं अध्ययनरत हैं।
प्राथमिक स्कूल में अंतर केवल 353 पर हायर सेकंडरी स्कूल तक 3153
जिले के सरकारी स्कूलों में बालिका शिक्षा को बढ़ावा मिला है। स्कूलों में प्राथमिक स्कूल स्तर से लेकर हायर सेकंडरी स्कूल स्तर तक बालिकाओं की संख्या बालकों से अधिक है। आंकड़ों को देखें तो जिले में प्राथमिक स्तर तक बालक व बालिका स्टूडेंट्स में बालिकाओ की संख्या बालकों से केवल 351 अधिक थी। इसके बाद मिडिल स्तर की कक्षाओं में बालिका की संख्या बालक से 1465, हाईस्कूल स्तर में 1665 व हायर सेकंडरी स्तर तक बालिकाओं की संख्या 3183 अधिक है।
इस बार 9 हजार बालक कम हुए
सरकारी स्कूलों में एक तरफ बालिकाओ की बढ़ती संख्या उत्साहजनक नजर आ रही है। वहीं दूसरी तरफ स्कूलों में बालकों की संख्या कम हो रही है। ये सोचनीय विषय है। सत्र 2022 -23 के दौरान जिले के सरकारी स्कूलों में कक्षा पहली से लेकर बारहवीं तक 179265 स्टूडेंट्स थे, जिनमें 89517 बालक व 89748 बालिकाएं थीं। जिले में बीते सत्र में बालकों की संख्या बलिकाओं की अपेक्षा प्राथमिक स्तर की कक्षाओ में अधिक थी। कक्षा 6 के बाद कक्षा 12 वीं तक बालिकाओं की संख्या अधिक थी।
जारी सत्र के दौरान जिले में कुल स्टूडेंट्स की संख्या में कमी आई है। जिले में जारी सत्र के दौरान स्कूलों की दर्ज संख्या 167689 है। दर्ज संख्या के अनुसार जिले में 80504 बालक व 87185 बालिका हैं। यानी बिते सत्र की अपेक्षा बालकों की कुल संख्या में करीब 9013 व छात्राओं की कुल संख्या में 2563 की कमी आई है। जिले के सरकारी स्कूलो में 11576 स्टूडेंट्स बीते सत्र की अपेक्षा कम हैं।
क्या बालक स्कूल छोड़ देते है या बालिकाओं में जागरूकता
जिले के सरकारी स्कूलों में प्रत्येक कक्षा के बाद बालकों की संख्या लगातार कम होती नजर आ रही है। बताना होगा कि जिले में प्राथमिक कक्षा में 35510 बालक हैं, जो कक्षा 12 वीं में केवल 8330 हैं। बालिकाओ की स्थिति देखें तो प्राथमिक कक्षा में बालिकाओं की संख्या 35861 है। वहीं कक्षा बारहवीं में 11512 है। आमतौर पर देखा गया है कि छात्र कक्षा स्तर के बाद पढ़ाई छोड़ देते हैं।
जानकार मानते हैं कि फेल होने या फिर किसी कारण की वजह सें स्कूल जाने या स्कूल छोडऩे के मामले में बालक आगे रहते हैं पर बालिकाओं में जुझारूपन होने के कारण इस तरह की स्थिति कम ही बनती है।
इन आकड़ों पर भी गौर करना जरूरी
जिले के सरकारी स्कूलो में छात्राओं की संख्या अधिक है, वहीं अशासकीय स्कूलों में छात्रों की संख्या अधिक है। जिले में 303 अशासकीय स्कूल संचालित हैं, जिनमें 157 प्राथमिक स्कूल हैं। प्राथमिक स्कूलो में 13985 स्टूडेंट्स हैं, जिनमें 7729 बालक व 6258 बालिकाएं हैं।
अशासकीय 113 मिडिल स्कूल में 5563 स्टूडेंट्स हैं, जिनमें 3346 छात्र व 2247 छात्राएं हैं। अशासकीय 10 हाईस्कूल में 1767 छात्र व 1224 छात्राएं हैं। 23 हायर सेंकंडरी स्कूलों में 2579 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं, जिनमें 1473 बालक व 1106 बालिकाएं हैं।