बेमेतरा

पार्षद पर कार्रवाई की मांग, कांगे्रसी सौपेंगे ज्ञापन
बेमेतरा, 2 अक्टूबर। राम मंदिर ट्रस्ट की जमीन के अंतरण के मामले में विधायक आशीष छाबड़ा पर आरोप लगाने वाले भाजपा पार्षद प्रवीण राजपूत पर ट्रस्ट की जमीन की कृषि कार्य के लिए नीलामी की राशि जमा नहीं करने के आरोप लगे हैं। अब कांग्रेस पार्टी इस प्रकरण में नपाध्यक्ष शकुंतला मंगत साहू व शहर कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष सुमन गोस्वामी के नेतृत्व में जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंप कर कार्रवाई की मांग करेंगे।
बेमेतरा विधायक पर जमीन अंतरण के मामले में झूठे आरोप लगाने पर कांग्रेसियों में नाराजगी
उल्लेखनीय है कि हिंदू संगठन व भारतीय जनता पार्टी की ओर से बेमेतरा विधायक आशीष छाबड़ा पर पद का दुरुपयोग करते हुए अपने रिश्तेदार के नाम राम मंदिर ट्रस्ट की भूमि का अंतरण करने के आरोप लगाए गए, हालांकि विधायक ने भाजपा के आरोपो को नकारते हुए झूठे आरोप लगाने वाले हिंदू संगठन व भाजपा के नेताओं को कानूनी नोटिस भेजा है।
आरटीआई के तहत प्राप्त दस्तावेजों से गड़बड़ी का खुलासा
सुमन गोस्वामी के अनुसार सूचना के अधिकार से प्राप्त जानकारी के अनुसार श्री राम मंदिर ट्रस्ट बेमेतरा द्वारा वर्ष 2014-15 में कृषि कार्य के लिए ट्रस्ट की भूमि नीलामी में दी गई। वर्ष 2014 के कृषि कार्य के लिए सिंघौरी पटवारी हल्का नंबर 28 के अंतर्गत जमीन की नीलामी की गई। जिसमें 5.40 एकड़ धनहा रकबा, जिसकी सरकारी बोली 9 हजार 500 रुपए निर्धारित थी को 15 हजार 700 रुपए एक वर्ष के लिए भाजपा पार्षद प्रवीण नीलू राजपूत को प्रदान किया गया।
झूठे आरोप लगाने वाले भाजपा पार्षद ने किया मंदिर ट्रस्ट की राशि का गबन
नपाध्यक्ष शकुंतला मंगत साहू के अनुसार जमीन पर इनके द्वारा कृषि कार्य कर अनाज का उत्पादन किया गया, लेकिन नीलामी की राशि 98 हजार 300 रुपए का भुगतान आज पर्यंत नहीं किया गया है। भाजपा पार्षद ने राम मंदिर ट्रस्ट को प्राप्त होने वाले राशि को जमा ना कर मंदिर समिति को आर्थिक नुकसान पहुंचाया है। यह ऐसे लोग हैं जो दूसरों पर तथ्यहीन झूठा आरोप लगाते हैं। भगवान राम के नाम से राजनीति करते हैं, पर स्वयं भगवान राम के नाम की जमीन का पैसा हड़पने से बाज नहीं आते।
भाजपा पार्षद पर कार्रवाई की मांग को लेकर कांग्रेसी सौंपेंगे ज्ञापन
सुमन गोस्वामी के अनुसार भगवान राम मंदिर ट्रस्ट की जमीन का उपयोग कर धन अर्जन करने के पश्चात निर्धारित राशि का भुगतान नहीं करना, सनातन धर्मावलंबियों की आस्था के साथ खिलवाड़ हैं। भाजपा के लोग प्रभु श्री राम के नाम पर शुरू से राजनीति करते आ रहे हैं। नीलामी को राशि गबन करने वाले विधायक पर अनर्गल व झूठे आरोप लगा रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता भी आधारहीन आरोपों को लेकर इन लोगों के साथ खड़े हैं, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। इसलिए कांग्रेस पार्टी ने मंदिर की राशि का गबन करने वाले भाजपा पार्षद पर कार्रवाई की मांग की है।
11 एकड़ से अधिक भूमि को कृषि कार्य के लिए नीलामी में लेकर नहीं की राशि जमा
इसी तरह राम मंदिर ट्रस्ट का एक अन्य 5 एकड़ भर्री जमीन जिसकी सरकारी बोली 47 हजार थी को इस व्यक्ति को 75 हजार 500 रुपए में दिया गया। रकबा 1.81 एकड़ जमीन जिसकी सरकारी बोली 9 हजार रुपए थी, उसे एकमात्र बोलीदार प्रवीण नीलू राजपूत को 9 हजार 100 रुपए में 1 वर्ष के लिए प्रदान किया गया। कुल मिलाकर कुल 5.40 एकड़ धनहा व 6.81 एकड़ भर्री जमीन को कुल 1 लाख 300 रुपए में 1 वर्ष के लिए भाजपा पार्षद को कृषि कार्य के लिए दिया गया।
मंदिर ट्रस्ट की भूमि को लेकर आरोप-प्रत्यारोप के दौर में अब तक का घटनाक्रम
:: हिंदू संगठन व भाजपा नेताओं ने राजधानी रायपुर में 26 सितंबर को प्रेस वार्ता लेकर बेमेतरा विधायक पर राम मंदिर ट्रस्ट की भूमि का अपने रिश्तेदार के नाम पर अंतरण करने के आरोप लगाए।
:: हिंदू संगठनों के आरोपो के जवाब में बेमेतरा विधायक ने 27 सितंबर को प्रेस वार्ता ली। जिसमें उन्होंने इस प्रकरण से अपना व अपने परिवार का प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से कोई भी हस्तक्षेप होने से इनकार किया। झूठे आरोप लगाने को लेकर संबंधितों को कानून कानूनी नोटिस भेजा है।
:: राम मंदिर ट्रस्ट की जमीन वापस करने और संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर प्रदेश स्तरीय हिंदू संगठनों के पदाधिकारी व भाजपा नेताओं ने बेमेतरा जिला मुख्यालय में एक दिवसीय प्रदर्शन किया।
:: 1 अक्टूबर को कांग्रेस पार्टी की ओर से भाजपा पार्षद प्रवीण राजपूत के खिलाफ मंदिर ट्रस्ट की भूमि की नीलामी की राशि गबन के आरोप दस्तावेजो के साथ लगाए है। अब भाजपा पार्षद पर कार्रवाई की मांग को लेकर कांग्रेसी प्रशासन को ज्ञापन सौंपेंगे।
भाजपा पार्षद प्रवीण राजपूत ने कहा कि वर्ष 2014-15 में राम मंदिर ट्रस्ट की भूमि कृषि कार्य के लिए लिया गया था। उस समय हुदहुद तूफान से सोयाबीन की फसल छाती हुई थी। इस संबंध में तहसील कार्यालय से कोई भी नोटिस या रिमाइंडर नहीं आया है। नोटिस जारी होने पर नीलामी की राशि चुका दूंगा। स्वीकार करता हूं कि कृषि कार्य के लिए ट्रस्ट की जमीन ली थी। मगर वो भी स्वीकार करें जमीन का तबादला षड्यंत्र से हुआ है।