कांकेर
कांकेर पुलिस पर परिजनों का आरोप
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कांकेर, 23 अक्टूबर। कोयली बेड़ा क्षेत्र में दो माओवादियों के मारे जाने के पुलिस के दावे को परिजनों ने झूठ बताया है। परिजनों का का आरोप है कि पुलिस ने उन्हें पकड़ कर, फर्जी मुठभेड़ में उनकी हत्या की है।
इससे पहले पुलिस ने दावा किया था कि कोयलीबेड़ा इलाके के गांव गोमे से लगे हुए जंगल में माओवादियों के साथ सुरक्षाबलों की मुठभेड़ के बाद जब सर्चिंग ऑपरेशन चलाया गया तो घटनास्थल से दो शव बरामद किए गए थे। पुलिस ने मौके से कुछ हथियार भी बरामद करने का दावा किया था।
मृतकों के परिजन ने कोयलीबेड़ा के थाना प्रभारी और कांकेर जि़ले के एसपी को पत्र लिख कर आरोप लगाया है कि शुक्रवार को अबूझमाड़ के आदनर गांव से ग्रामीण कोयलीबेड़ा साप्ताहिक बाज़ार गये थे, वहां से वापसी के दौरान रात होने के कारण सभी ग्रामीण गोमे गांव के पुनेश मंडावी के घर रुक गये थे।
ग्रामीणों ने पत्र में लिखा है कि शनिवार की सुबह साढ़े छह बजे, सभी ग्रामीण अपने गांव काकनार जा रहे थे, उसी समय काना वेड़ता व मोडाराम पद्दा नामक आदिवासियों को फर्जी मुठभेड़ में उनकी हत्या कर, उन्हें नक्सली घोषित कर दिया।
परिजनों ने ने पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कर इसमें शामिल शामिल पुलिसकर्मियों के खिलाफ़ कार्रवाई करने की मांग की है।