कांकेर

फर्जी मुठभेड़ में 2 आदिवासी युवकों की हत्या का आरोप
27-Oct-2023 9:26 PM
फर्जी मुठभेड़ में 2 आदिवासी युवकों की हत्या का आरोप

  सैकड़ों आदिवासियों का धरना-प्रदर्शन, चुनाव बहिष्कार की चेतावनी  

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

कांकेर, 27 अक्टूबर । जिले के कोयलीबेड़ा ब्लॉक के छोटेबेटिया थाना अंतर्गत बेचाघाट में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन करते हुए सैकड़ों की संख्या में आदिवासी सर्वसमाज ने  21 अक्टूबर को कोयलीबेड़ा के गोमे के जंगल में हुई पुलिस नक्सल मुठभेड़ को फर्जी बताया है। उन्होंने ग्राम गोमे में हुए मुठभेड़ की निष्पक्षीय जाँच कर मुठभेड़ में मारे जाने वालों के परिजनों को 50-50 लाख रुपये मुआवजा देने की मांग की है। बेचाघाट संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने जल्द से जल्द इस मुठभेड़ की न्यायिक जाँच न होने पर चुनाव बहिष्कार करने की भी बात कही।

धरना प्रदर्शन में ग्रामीण सहित सर्वआदिवासी समाज और बेचाघाट संघर्ष समिति के सदस्य अजित नरेटी मैनी कचलामी ने कहा कि जिला नारायणपुर ओरछा ब्लॉक अबूझमाड़ ग्राम पंचायत अदनार के ग्राम ककनार के निवासी काना बेदड़ा पिता स्व.झिरंगू वेडदा (23 वर्ष), मोड़ा राम पदा पिता स्व. अड़वे राम पदा (18 वर्ष) एवं इनके साथ 7 ग्रामीण 20 अक्टूबर  को कोयलीबेड़ा साप्ताहिक बाजार से अपने गांव वापस जाने से शाम होने के कारण ग्राम गोमे में अपने रिश्तेदार पुनेश मांडवी के घर में रात में थे।
 ककनार से कोयलीबेड़ा साप्ताहिक बाजार की दूरी 40- 50 किलोमीटर हैं। अबूझमाड़ के माडिय़ा जनजाति के लोग पैदल चलकर इसी साप्ताहिक बाजार से ही अपने दैनिक जरूरतों की पूर्ति करते हैं,साथ ही साथ सरकार की ओर से दिए जाने वाला राशन सामग्री भी यही से ले जाते हंै।

शनिवार सुबह करीब 6.30 बजे अपने राशन सामग्री लेकर गांव(ककनार )लौट रहे थे,उसी वक्त गश्त से वापस लौट रही बीएसफ , डीआरजी और बस्तर फाइटर के जवानों ने बीच रास्ते से उन्हें पकड़ा और मुड़भेड़ में मारे जाने की बात कही।  इसकी जांच की मांग हम ग्रामीण करते हैं। अगर निष्पक्ष जांच नही हुई तो आगे भी उग्र आंदोलन करेंगे।

ग्रामीणों ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार एवं राज्य की भूपेश बघेल सरकार बेकसूर आदिवासियों की हत्या कर रही है,। ये आदिवासी समुदाय के लिए बहुत बड़ी निंदनीय घटना है। इसलिए बस्तर संभाग के हम सभी मूलवासी समुदाय जनता को एकजुट होकर इस अत्याचार शोषण के खिलाफ  व गोमे फर्जी मुठभेड़ के खिलाफ  जुझारू संघर्ष कर रही है। इस तरह की कृत्य घटनाओं का बस्तर जन संघर्ष समन्वय समिति घोर निन्दा करती है औरदोषी पुलिस अधिकारियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने का मांग करती है।

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