गरियाबंद
![गौशाला में मनाया गया गोपष्टमी पर्व गौशाला में मनाया गया गोपष्टमी पर्व](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/17007298742.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नवापारा-राजिम, 23 नवंबर। रायपुर के मौदहापारा स्थित 125 वर्ष पुराने गौशाला में गोपाष्टमी पर्व मनाया गया। इस कार्यक्रम में पहुंचे पूर्व मंत्री चंद्रशेखर साहू व पूर्व विधायक राजकमल सिंघानिया का शाल व श्रीफल भेट कर सम्मान किया गया व गौमाता की पूजा-अर्चना कर पुण्य लाभ लिया।
इस अवसर पर श्री साहू ने कहा कि गोप का अर्थ गाय होता है जबकि अष्टमी तिथि है। इसलिए गोपाष्टमी एक पर्व के रूप में मनाया जाता है। सनातन धर्म के पुराणों और धर्मग्रंथों में कहा गया है कि गौ माता के अंग में कान से पूंछ तक में 33 कोटि देवी-देवताओं का वास होता है। गाय शक्ति का स्वरूप है। जिस तरह से गंगा,यमुना, सरस्वती में स्नान करने से सारे पाप धुल जाते हैं और मन पवित्र हो जाता है, नई ऊर्जा की प्राप्ति होती है। ठीक उसी तरह गौमाता की पूजा करने से मन पवित्र होता है और धन-धान्य की प्राप्ति होती है। इसलिए हर हिंदू अनुयायी को गोपाष्टमी का पर्व अवश्य मनाना चाहिए।