बलौदा बाजार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 26 नवंबर। उपभोक्ताओं के साथ खाद्य एवं औषधि प्रशासन भी बेसब्री से प्रतीक्षा कर रहा है, यह इसलिए क्योंकि अमानक और अपमिश्रण सहित कई खामियों के लगभग 60 मामले न्यायालय में पेंडिंग है।
खाद्य एवं पेय पदार्थों में मिलावट या स्तरहीन सामग्री का मिलाया जाना, अब आम हो चला है। समय-समय पर खाद्य एवं औषधि प्रशासन, तगड़ी जांच और कड़ी कार्रवाई करता है। प्रकरण भी बनाए जाते हैं। सूक्ष्मता और गंभीरता के साथ किया जाने वाला यह काम, तब हताश करने वाला हो जाता है, जब सुनवाई और फैसले में विलंब का दौर चालू होता है। जारी है अभी भी ऐसा होना। लिहाजा जिले में अब तक लगभग ऐसे 60 मामले हैं, जो नतीजे की प्रतीक्षा में हैं।
न्याय की आस में
जिला निर्माण के पूर्व और बाद के वर्षों में भी निरंतर जांच के बाद न्यायालय में प्रशासन ने लगभग 60 मामले पेश किए हैं। जिन पर फैसला अब तक नहीं आ पाया है। गुजर रहे बरस में भी कुछ प्रकरण और लगाए जाएंगे लेकिन पूर्व में पेश मामलों में अब तक फैसला नहीं आने से उपभोक्ता के साथ प्रशासन में हताशा नजर आ रही है।
ऐसे मामले ज्यादा
न्यायालय में पेश प्रकरणों में ज्यादातर मामले अमानक स्तर की खाद्य सामग्री के हैं। अपमिश्रण के भी मामले हैं। शहरों की बात करें, तो जिला मुख्यालय बलौदाबाजार विकासखंड भाटापारा और सिमगा इसमें आगे हैं। यही वजह है कि खाद्य एवं औषधि प्रशासन की नजर में यही शहर जांच के केंद्र में रहते आए हैं। छोटे कस्बे भी हैं लेकिन सुधार नजर आ रहा है।
बढ़ रहा हौसला
मिलेगी मामूली सजा या होगा अर्थ दंड। या फिर कुछ नहीं होगा, जैसी धारणा के बीच यह कारोबारी क्षेत्र बेखौफ होकर गतिविधियां चला रहा है। लाचार है उपभोक्ता और खाद्य एवं औषधि प्रशासन क्योंकि फैसला अब तक नहीं आया है। इसके बावजूद प्रशासन ने जागरूकता अभियान और सघन जांच एवं कार्रवाईयां जारी रखी हुई हैं। कभी तो आएगा फैसला, कभी तो मिलेगी सजा।
फैसले की प्रतीक्षा-अफसर
उमेश वर्मा, खाद्य सुरक्षा अधिकारी, बलौदा बाजार का कहना है कि खाद्य एवं पेय पदार्थ की जांच और लैब रिपोर्ट के बाद लगभग 60 प्रकरण न्यायालय में पेश किये जा चुके हैं। फैसले की प्रतीक्षा है।