रायपुर

छत्तीसगढ़ में 236 कृषि स्टार्टअप्स, 50 करोड़ का निवेश
02-Dec-2023 8:55 PM
छत्तीसगढ़ में 236 कृषि स्टार्टअप्स, 50 करोड़ का निवेश

नवाचार आयोग के अध्यक्ष ढांड ने देखे सभी के काम

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायपुर, 2 दिसम्बर। राज्य नवाचार आयोग के अध्यक्ष विवेक ढांड ने कृषि विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना एवं रफ्तार एग्री बिजनेस इन्क्यूबेशन योजना के अंतर्गत संचालित कृषि उद्यमिता विकास कार्यक्रम के तहत स्थापित नवीन स्टार्टअप्स उद्यमियों को संबोधित किया। उन्होंने  कहा कि कृषि आधारित व्यवसायों में स्टार्टअप्स स्थापित करने की असीम संभावनाएं हैं।  ढांड ने आई.जी.के.वी.-राबी कार्यक्रम के तहत स्थापित विभिन्न स्टार्टअप्स उद्यमियों के साथ चर्चा कर उनके द्वारा किये जा रहे कार्यां तथा उपलब्धियों की जानकारी प्राप्त की।  उन्होंने विभिन्न र्स्टाटअप्स द्वारा तैयार किये जा रहे उत्पादों का भी अवलोकन किया।

कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल  ने कहा कि इन स्टार्टअप के माध्यम से कृषि आधारित 900 से अधिक उत्पाद निर्मित किये जा रहे हैं जिनसे लाखों किसानों को प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से लाभ प्राप्त हो रहा है। आई.जी.के.वी. राबी के सीईओ डॉ. हुलास पाठक ने बताया कि इस कार्यक्रम के तहत विगत चार वर्षां में 236 स्टार्टअप्स प्रवेशित हुए हैं, जिनमें से 101 स्टार्टअप्स को भारत सरकार की ओर से 10.84 करो? का आर्थिक सहयोग प्राप्त हुआ है। इनमें से 60 स्टार्टअप्स को अभिनव कार्यक्रम के तहत 5 लाख तक का अनुदान मिला है, जबकि 41 स्टार्टअप्स को उद्भव कार्यक्रम के तहत 25 लाख रूपये तक का अनुदान प्राप्त हुआ है। उन्होंने बताया कि इन स्टार्टअप्स के माध्यम से देश की अर्थव्यवस्था में लगभग 50 करोड़ रूपये की भागीदारी की जा रही है।  श्री ढांढ ने  स्पीड ब्रीडिंग कार्यक्रम का भी जायजा लिया।

श्री ढांड ने टीश्यू कल्चर लैब में टीश्यू कल्चर से निर्मित केला, गन्ना, अदर आदि पौधों का भी अवलोकन किया। उन्होंने  विश्वविद्यालय के बायो इन्क्यूबेशन सेन्टर का भी अवलोकन किया। श्री ढांड ने आर.एच. रिछारिया लैब के अंतर्गत स्थापित अक्ती संग्रहालय में संकलित धान की 24 हजार से अधिक किस्मों का भी अवलोकन किया। उन्होंने वहां फसलों के निर्यात के आवश्यक खाद्य गुणवत्ता परीक्षण प्रयोगशाला का भी जायजा लिया। उन्होंने विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित धान से प्रोटीन पावडर, शुगर सिरप तथा बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक निर्माण की तकनीक की भी जानकारी प्राप्त की।

इस अवसर पर नवाचार आयोग के सदस्य सचिव डॉ. आर.के. सिंह, सदस्य डॉ. ऋतु वर्मा सहित विवि के वरिष्ठ अधिकारी एवं वैज्ञानिक उपस्थित थे।

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