दुर्ग

भारती विवि में राष्ट्रीय फार्मेसी सप्ताह
06-Dec-2023 3:43 PM
भारती विवि में राष्ट्रीय फार्मेसी सप्ताह

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 6 दिसंबर।
भारती विवि, दुर्ग, छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय फार्मेसी सप्ताह 2023 का समापन: फार्मेसी संकाय, भारती विवि, दुर्ग में एसोसिएशन ऑफ कम्युनिटी फार्मासिस्ट ऑफ इंडिया, छत्तीसगढ़ चैप्टर ने संयुक्त रूप से Join pharmacist To ensure patient saftey थीम के साथ नवंबर के आखरी  सप्ताह में 62वां राष्ट्रीय फार्मेसी सुरक्षा सप्ताह मनाया गया। 

उद्घाटन के अवसर पर भारती विवि, दुर्ग के कुलाधिपति सुशील चंद्राकर, भारती समूह के संयुक्त निदेशक, जय चंद्राकर, डीन, फार्मेसी संकाय, प्रोफेसर मृत्युंजय सत्पथी और भारती आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. मानस रंजन होता एवं समथ प्राध्यापक, छात्र-छात्राए उपस्थित थे।

कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती वंदना के साथ हुई जिसके बाद फार्मासिस्ट शपथ ग्रहण समारोह और राज्य गान हुआ। उसके बाद हर्बल गार्डन में औषधि पौधा रोपण किया गया और एसोशिएशन ऑफ कंमुनिटी फारमैसिस ऑफ इंडिया के साथ, संयुक्त तत्वधान में community connect Pharmaceutical care everywhere के तहत निशुल्क स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया दुर्ग जिले के चंदखुरी गांव में जहां रक्त शर्करा जाच एवं बी.पी. जांच,  और अन्य रोग संबंधी, परीक्षण किए गए। 

एसीपीआई सी.जी चैप्टर द्वारा मुफ्त दवा वितरण और जनता के बीच स्वास्थ्य जागरूक किया गया। एनपीडब्ल्यू 2023 के दौरान खेल, क्विज, एक्सटेम्पोर, फूड फेस्ट, फैशन शो, रंगोली प्रतियोगिता, गायन, नृत्य, पोस्टर प्रस्तुति, फार्मा प्रदर्शनी, वैज्ञानिक सत्र आदि जैसे कई अन्य कार्यक्रम भी आयोजित किए गए।

समापन समारोह में भारती विवि दुर्ग के कुलाधिपति सुशील चंद्राकर, भारती समूह की संयुक्त निदेशक शालिनी चंद्राकर मैडम, भारती समूह के संयुक्त निदेशक, जय चंद्राकर, मुख्य परिचालन अधिकारी, प्रभजोत सिंह भुई, कुलपति प्रोफेसर आलोक भट्ट, रजिस्ट्रार भारती विवि डॉ. वीरेंद्र कुमार स्वर्णकार, रजिस्ट्रार भारती समूह घनश्याम साहू, सन प्राइवेट आईटीआई के प्राचार्य , विजय कुमार यदु, सन पब्लिक स्कूल की प्रिंसिपल फऱीना काजी, सन पब्लिक स्कूल के निदेशक, एचएस वर्मा, डिप्टी रजिस्ट्रार खिलेश गंजीर, डीन, फार्मेसी संकाय प्रोफेसर मृत्युंजय सत्पथी और फार्मेसी पेशे के दिग्गज प्रोफेसर अनंत नायक नागप्पा,( मडीपाल) संस्थापक अध्यक्ष एसीपीआई और  डॉ. खोमेंद्र सारवा, शासकीय महिला पॉलीटेकनिक बैरन बाजार रायपुर,डॉ. विजेंद्र सूर्यवंशी उप प्रचाय, सोनिया सिंग, मंच का संचालन प्रगति बघेल असोसिटे प्रोफेस्सेर के द्वारा किया गया एवं  अन्य संकाय सदस्यों और छात्रों की उपस्थिति में इस अवसर की शोभा बढ़ाई।

निर्धारित शीर्षक था रोगी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए फार्मासिस्ट से जुड़ें, उस विषय पर चर्चा की गई और प्रमुख बिंदु और परिणाम ये हैं, फार्मासिस्ट मुख्य स्वास्थ्य देखभाल प्रदाता हैं और रोगियों की देखभाल के लिए चिकित्सा की अवधारणा उभरने के बाद से संबंधित गतिविधियों में लगे हुए हैं। 

भारत तैयार फॉर्मूलेशन के निर्माण के चैंपियन के रूप में उभरा है और इसे वैश्विक फार्मेसी के केंद्र के रूप में जाना जाता है। भारत लागत प्रभावी जेनेरिक दवाओं के स्रोत के रूप में उभरा है।दवाओं के निर्माण में वैश्विक नेतृत्व के बावजूद, भारतीयों को रोगी सुरक्षा, दवाओं के अतार्किक उपयोग, डॉक्टर के पर्चे के बिना नुस्खे और दवाओं तक पहुंच और कई अन्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। एंटीबायोटिक प्रतिरोध और दवा प्रेरित बीमारियों के बढ़ते मामले, कुछ ऐसे मुद्दे हैं जो रोगी की सुरक्षा को खतरे में डाल रहे हैं।

इन सभी समस्याओं को उत्पाद केंद्रित दृष्टिकोण से जोड़ा जा सकता है जो विनिर्माण द्वारा लाभ के लिए बाजार को बढ़ावा देने से प्रेरित है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने उत्पाद केंद्रित दृष्टिकोण के खतरों के बारे में अपनी चिंता व्यक्त की है। यह दृढ़ता से रोगी केंद्रित देखभाल की वकालत करता है। ड्रग्स और कॉस्मेटिक अधिनियम 1940 और नियम 1945, फार्मेसी अधिनियम 1948, फार्मेसी प्रैक्टिस विनियम 2015 और कानूनों के संशोधन के मौजूदा कानूनों का लक्ष्य है उत्पाद केंद्रित वातावरण को रोगी केंद्रित दृष्टिकोण में बदलना। 

प्रमुख बाधाएँ हैं, उत्पाद केंद्रित दृष्टिकोण के हितधारकों का विरोध जैसे; निर्माता, डॉक्टर, खुदरा फार्मासिस्ट, मरीज आदि।
यद्यपि डॉक्टर, खुदरा फार्मासिस्ट उत्पाद केंद्रित दृष्टिकोण के प्रत्यक्ष लाभार्थी हैं, लेकिन अज्ञानता और मासूमियत के कारण उत्पाद केंद्रित बाजार द्वारा मरीजों का शोषण किया जाता है।

सरकार अब वर्तमान स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली की खामियों से अवगत हो गई है और स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली को मजबूत करने के इरादे से मेडिकल काउंसिल, फार्मेसी काउंसिल और नर्सिंग काउंसिल को समाप्त करके और राष्ट्रीय स्वास्थ्य देखभाल प्राधिकरण की शुरुआत करके इस प्रणाली में सुधार कर रही है। उपरोक्त कार्रवाई को जारी रखते हुए राष्ट्रीय फार्मेसी काउंसिल वर्तमान फार्मेसी अधिनियम 1948 को बदलने जा रही है। प्रस्ताव जारी कर दिया गया है और जनता से सुझाव आमंत्रित किए गए हैं। 

समापन समारोह में शैक्षणिक विजेताओं और टॉपर्स और अन्य प्रतियोगिता विजेताओं के लिए प्रमाण पत्र और पदक का वितरण किया गया। शीर्ष शैक्षणिक रैंक धारक थे- बी.फार्मा 8वें सेमेस्टर (टॉपर लिनिमा साहू, सेकेंड टॉपर मेघा चौरे), डी.फार्मा द्वितीय वर्ष भारती कॉलेज ऑफ फार्मेसी (टॉपर इशु साहू, सेकेंड टॉपर लोकेश्वरी जंघेल), डी.फार्मा द्वितीय वर्ष भारती इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी (प्रथम टॉपर रेशमी वर्मा, द्वितीय टॉपर काजल रहांगडाले), बी.फार्म 5वें सेमेस्टर की टॉपर मुस्कान दुबे, बी.फार्म चौथे सेमेस्टर की टॉपर रीमा सामंता आदि को भारती पदक और प्रमाण पत्र से सम्मानित किया गया। 

फार्मेसी संकाय के डीन प्रोफेसर मृत्युंजय सत्पथी प्रोग्राम कि शानदार सफलता के लिए सभी को धन्यवाद एवं आभार व्यक्त किए और राष्ट्रीय फार्मेसी सप्ताह 2023 का समापन समारोह राष्ट्रगान के साथ हुआ।
 

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