कोरिया
बैकुंठपुर (कोरिया) 23 जनवरी। कोरिया जिले में डीएमएफ फंड के खर्च को लेकर लगातार सवाल खड़े होते रहे है, भाजपा की नई सरकार बनते ही डीएमएफ फंड के तहत ऐसे कार्य जो स्वीकृत हो चुके थे, परन्तु जिनकी शुरूआत अब तक नहीं हो सकी थी, ऐसे कार्यों को निरस्त किया जाना था, परन्तु अब तक ऐसे कार्यों को निरस्त नहीं किया जा सका है, अब कल 24 जनवरी डीएमएफ के शासी समिति की बैठक होनी है। देखना है कांग्रेस के कार्यकाल में स्वीकृत कार्यों को निरस्त किया जाता है या उन्हीं पर जोर लगाया जाता है।
जानकारी के अनुसार कोरिया जिले में बीते डेढ़ वर्षों से रायपुर से लेकर बाहर के ठेकेदारों की पौ बारह रही है। किसी भी कार्यो की जांच अब तक नहीं हो पाई है। इधर, कांग्रेस के समय के एक कार्य को लेकर स्थानीय ग्रामीणों ने मोर्चा खोल दिया, सोनहत के केषगवां क्षेत्र में स्वीकृत कार्य को करने के लिए शहर के ठेकेदार पहुंच गए, जिसके बाद बवाल मच गया। डीएमएफ के तहत काम जलसंसधन विभाग का था, बात विधायकों तक पहुंची, परन्तु स्थानीय ग्रामीणों के आगे किसी की नहीं चली और अब तक काम शुरू नहीं हो पाया है।
विभाग के अधिकारी का कहना है कि मेरी रिटायर मेंट करीब है कोई भी गलत काम नहीं होने दूंगा।
इसी तरह से डीएमएफ के कार्यों पर बिना क्रय नियमों का पालन किए जाने का आरोप लगाया जा रहा हैं। वहीं कुछ कार्य ऐसे है जिनका टेंडर कांग्रेस के कार्यकाल में हो चुका है, वो अभी तक शुरू नही हो सकें, ढाई करोड़ से ज्यादा की लागत के कार्यों को कमिश्नर से हरी झंडी मिलना है, बताया जा रहा है इन कार्यो में ठेकेदार अधिकारियों के चहेते हंै। देखना है कि 24 जनवरी की बैठक में ऐसे कार्यो को शासी परिषद की हां मिलती है या नहीं।
प्रस्तावों को अंबार
डीएमएफ के तहत कार्य करने नेताओं और ठेकेदार की लाइन लगी हुई है, बताया जा रहा है कि विभिन्न पंचायतों से विभिन्न निर्माण कार्यों के प्रस्ताव बनवाए जा रहे हंै, जिनकी स्वीकृति लेकर अब डीएमएफ की राशि में गड़बड़ी की तैयारी की जा रही है। सरकार बनते ही इस तरह के प्रस्तावों की भरमार हो गई है। कांग्रेस के समय के कार्यों के निरस्त होने का भी नेता इंतजार कर रहे है, जबकि कुछ कांग्रेस के समय के नेता भी हावी उनका कहना है कि भाजपा सरकार बनाने में उन्होने भी पूरी मदद की है इसलिए उनके द्वारा स्वीकृत कराए कार्यो को वो खुद की करेेगें, उनके कार्य निरस्त ना हो इसके लिए उन्होनें अपना जोर लगा रखा है। देखना है कि कल कितने कार्य निरस्त होते है।