बिलासपुर
स्मार्ट सिटी फंड से शहर के विकास की उम्मीद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर 10 फरवरी। छत्तीसगढ़ के बजट में प्रदेश के दूसरे सबसे बड़े शहर बिलासपुर के लिए दो बड़ी घोषणाएं की गई है। छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान, सिम्स के लिए एकमुश्त 700 करोड़ रुपए मिलेंगे। इसके अलावा 200 करोड़ के आसपास स्मार्ट सिटी के लिए आएगा। बजट में की गई घोषणा से बिलासा एयरपोर्ट और धार्मिक नगरी रतनपुर के विकास को भी गति मिलने की उम्मीद है।
ज्ञात हो की गुरु घासीदास विश्वविद्यालय के तत्कालीन कुलपति स्वर्गीय आरके सिंह के प्रयासों से सन 2002 में बिलासपुर में मेडिकल कॉलेज की स्थापना की गई थी। शुरुआत में यह यूनिवर्सिटी के ही अधीन था लेकिन बाद में इसे राज्य सरकार ने अपने हाथ में ले लिया। सरदार वल्लभभाई पटेल जिला चिकित्सालय के एक हिस्से में एमबीबीएस की 50 सीटों से शुरू हुए इस कॉलेज में इस समय 180 छात्रों को दाखिला मिलता है। शुरुआत में यहां 100 बिस्तर से जो अब बढक़र 750 हो चुके हैं। इन 22 वर्षों में सिम्स हॉस्पिटल और मेडिकल कॉलेज के संचालन के लिए जगह की भारी कमी पिछले कुछ वर्षों से महसूस की जा रही थी। इसके अलावा पुराने जिला अस्पताल की यह बिल्डिंग भी जर्जर हो रही है। स्टूडेंट मरीज और स्टाफ की संख्या के हिसाब से यहां कमरों और पार्किंग की असुविधा है। लंबे समय से सिम्स की नई बिल्डिंग का प्रस्ताव राज्य सरकार के पास लंबित था। अब इसके लिए एक ही वित्तीय वर्ष में 700 करोड़ रुपए की मंजूरी मिलने से न केवल बिलासपुर में स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार होगा बल्कि मेडिकल की सीटों में वृद्धि की जा सकेगी। नए फंड से सिम्स में बिस्तरों की संख्या 1200 तक बढ़ाई जा सकेगी साथ ही एमबीबीएस में भी ढाई सौ छात्रों को दाखिला दिया जा सकेगा।
उल्लेखनीय है कि स्वास्थ्य सेवा से संबंधित निर्माण कार्यों के लिए शहर से लगे कोनी इलाके में 40 एकड़ जमीन पहले से ही आरक्षित किया जा चुका है। यहां एक मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल का निर्माण पूरा हो चुका है। स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने हाल ही में घोषणा की है कि इसका उद्घाटन मार्च महीने में किया जाएगा। उम्मीद की जा रही है कि इसी के साथ सिम्स की नई बिल्डिंग का शिलान्यास भी कर दिया जाएगा। इसी कैंपस में एक अत्याधुनिक कैंसर हॉस्पिटल का भी निर्माण चल रहा है। इस तरह से बिलासपुर के कोनी क्षेत्र में आने वाले वर्षों में स्वास्थ्य संबंधी बड़ी-बड़ी सुविधाएं उपलब्ध हो जाएंगी।
बजट में स्मार्ट सिटी परियोजना के लिए 404 करोड़ रुपए की मंजूरी दी गई है। छत्तीसगढ़ के जिन तीन शहरों को इस परियोजना में लिया गया है उनमें एक बिलासपुर में है। यह अनुमान लगाया जा रहा है कि बिलासपुर को डेढ़ सौ से 200 करोड़ रुपए का हिस्सा इस बजट से मिलेगा। पूर्व में स्मार्ट सिटी योजना कुछ वार्डों में ही सीमित रही है। बीते नगर निगम चुनाव के पहले बिलासपुर में तीन नगर पंचायत और 16 ग्राम पंचायत को भी इसमें शामिल हो चुके हैं। विकास कार्यों के लिए नगर निगम के पास हमेशा फंड की कमी रही है। ऐसे में स्मार्ट सिटी के फंड से नगर निगम क्षेत्र के अन्य हिस्सों में भी विकास के काम कराए जा सकेंगे। फंड मिलने से अरपा नदी उन्नयन योजना पिंक स्टेडियम मल्टीलेवल पार्किंग स्पोर्ट्स कंपलेक्स जैसी कई लंबित परियोजनाओं पर भी काम हो सकेगा।
इसके अलावा बिलासपुर और अंबिकापुर की एयरपोर्ट में सुविधाओं के विस्तार के लिए 30 करोड रुपए का प्रावधान बजट में किया गया है। इसमें भी बिलासपुर को ठीक-ठाक हिस्सा मिलने की उम्मीद है। चकरभाटा स्थित बिलासा एयरपोर्ट में सुविधाओं का विस्तार कर इसे 3सी तथा 4सी ग्रेड तक विस्तार करने की मांग को पूरी करने में इस फंड से मदद मिल सकती है।
प्रदेश की शक्तिपीठ परियोजनाओं में से एक रतनपुर बिलासपुर जिले में स्थित है। इसके लिए शुरुआती मंजूरी 5 करोड रुपए की दी गई है। पहले से ही पर्यटन के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति अर्जित कर चुके रतनपुर को शक्तिपीठ परियोजना में शामिल करने के बाद यहां आने वाले पर्यटकों को नई सुविधा मिल सकेंगी।