बिलासपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर 13 फरवरी। ऑनलाइन बुकिंग कर परिवार सहित अचानकमार अभयारण्य की सैर के लिए गए पर्यटक को काफी देर तक परेशान करने के बाद कर्मचारियों ने बैरंग वापस लौटा दिया। पीडि़त पर्यटक ने बुकिंग राशि और मानसिक क्षतिपूर्ति की मांग करते हुए वन विभाग के अधिकारियों को कानूनी नोटिस भेजा है।
जानकारी के मुताबिक बीते 3 फरवरी को भारतीयनगर के राहुल तिवारी अपने परिवार के साथ अचानकमार अभयारण्य भ्रमण के लिए गए थे। उन्होंने 3500 रुपए में ऑनलाइन बुकिंग कराई थी जिसके अनुसार सुबह 6:00 बजे से उन्हें शिवतराई से लेकर जिप्सी में भ्रमण कराया जाना था। परिवार के साथ वे तडक़े 3:00 बजे बिलासपुर से निकले और सुबह 5:30 बजे शिवतराई बैरियर पहुंचे। वहां की चेक पोस्ट पर दो कर्मचारी मिले जो सोए हुए थे। वे बार-बार आवाज देने पर उठे। उठने के बाद उन्होंने जिप्सी के लिए इंतजार करने कहा। काफी इंतजार करने के बाद कोई जिप्सी नहीं पहुंची। जब पर्यटकों ने देर होने का हवाला दिया तो सुरेश तिवारी और अन्य कर्मचारियों ने उनके साथ बदसलूकी की। इसके बाद एक डिप्टी रेंजर ने पहुंचकर उन्हें बैरियर से एंट्री की एक पर्ची दी। उन्होंने बताया कि जिप्सी अचानकमार में ही मिलेगी। पर्यटक अपनी ही गाड़ी से अचानकमार पहुंचे। वहां पर जिप्सी तो खड़ी थी लेकिन कोई ड्राइवर नहीं था। उन्हें ड्राइवर का इंतजार करने के लिए कहा गया, लेकिन डेढ़ 2 घंटे इंतजार करने के बाद भी कोई नहीं पहुंचा। आखिर उन्हें बिना सैर कराए वापस लौटा दिया गया। पूरा परिवार बिना भ्रमण किए वापस बिलासपुर लौट गया।
इसके बाद तिवारी ने ऑनलाइन बुकिंग की जमा राशि की वापसी के लिए वन विभाग के दफ्तर के कई चक्कर लगाए लेकिन उनको रकम वापस नहीं मिली।
अब उन्होंने अधिवक्ता अनमोल सिंह के माध्यम से कानूनी नोटिस भेजकर ब्याज सहित बुकिंग की राशि तथा 50 हजार रुपए मानसिक क्षतिपूर्ति मांगी है। भुगतान नहीं होने पर उन्होंने कोर्ट केस करने की चेतावनी दी है।