बेमेतरा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 21 फरवरी। महिला एवं बाल विकास विभाग, पुलिस व चाइल्ड हेल्प लाइन के संयुक्त टीम ने ग्राम अडार की एक नाबालिग का विवाह रुकवा दिया। नाबालिग की शादी बिलासपुर के एक युवक से की जा रही थी। विवाह के चार दिन पूर्व वर्ग पक्ष को भी फोन के माध्यम से शादी न करने की समझे दी गई थी ,एवं बिलासपुर जिला बाल संरक्षण इकाई से समन्वय स्थापित कर जिला बाल संरक्षण इकाई बिलासपुर द्वारा वर पक्ष के निवास पर जाकर समझाईश दी गई।
समझाईश उपरांत उनके परिजनों द्वारा बालिका के निर्धारित आयु पूर्ण होने के उपरांत ही विवाह किये जाने हेतु अपनी सहमति प्रदान की तथा विवाह स्थगित करने की बात कही गई। बालक एंव बालिका के परिजनों के लोगों ने कहा की हमें यह ज्ञात नहीं था कि वर्तमान में मौजूदा कानून के तहत् 18 वर्ष से कम आयु की बालिका एवं 21 वर्ष से कम आयु के बालक का विवाह गैर कानूनी है। टीम द्वारा समझाइश दिये जाने पर वधु पक्ष द्वारा उक्त बालिका का विवाह वर्तमान में मौजूदा कानून के तहत् विवाह किये जाने की शपथपूर्वक कथन किया। उन्हें बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, 2006 में उल्लेखित प्रावधानों के बारे में बताया गया कि निर्धारित आयु पूर्ण होने के पूर्व विवाह करवाना अपराध है, जो भी व्यक्ति बाल विवाह कराने वाले वर एवं वधु के माता-पिता, सगे-संबंधी, बाराती, विवाह कराने वाले पुरोहित, बैंड बाजा, हलवाई एवं टैट वालों पर भी कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। जो व्यक्ति ऐसा करता या कराता है या विवाह में सहयोग प्रदान करता है, तो उसे भी 2 वर्ष तक कठोर कारावास अथवा जुर्माना जो कि 1 लाख तक हो सकता है अथवा दोनों से दण्डित किया जा सकता है।