गरियाबंद

आत्मानंद स्कूल में प्राचार्य पर फर्जी नियुक्ति का आरोप
21-Feb-2024 4:41 PM
आत्मानंद स्कूल में प्राचार्य पर फर्जी नियुक्ति का आरोप

एबीवीपी ने एसडीएम को सौंपा ज्ञापन

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

राजिम, 21 फरवरी। राजिम के स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल में पदस्थ प्राचार्य संजय एक्का पर फर्जी नियुक्ति का आरोप लगा है। इस संबंध में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के पदाधिकारियों ने प्राचार्य को हटाने की मांग करते हुए एसडीएम राजिम को ज्ञापन सौंपा है।

ज्ञापन में अभाविप के नगर मंत्री हुमन देवांगन ने लिखा है कि कांग्रेस सरकार में संचालित स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल राजिम (सेजेस राजिम) में 2022 में प्राचार्य पद पर नियम विरुद्ध अयोग्य शिक्षक संजय कुमार एक्का पूर्व पदस्थ ग्राम बेलर की प्रतिनियुक्ति कर दी गई, जो प्रतिनियुक्ति के नियमों के अनुरुप योग्य भी नहीं है।

इस संबंध में हुमन देवांगन ने फर्जी नियुक्ति को पुष्टि करने वाली तथ्यात्मक जानकारियों और साक्ष्य भी संलग्न करते हुए फर्जी नियुक्ति से पदस्थ प्राचार्य संजय एक्का को तत्काल प्रभाव से हटाने की मांग किया है। साथ ही 7 दिवस के भीतर कार्रवाई नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है।

आरोप है कि वर्ष 2022 में राजिम के स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल में प्राचार्य की नियुक्त हेतु लोक शिक्षण संचालनालय छ.ग. से विज्ञापन जारी किया गया था। स्कूल में प्रभारी प्राचार्य के पद पर नियमानुसार जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय द्वारा आवेदन मांगे गए थे किंतु चयन प्रक्रिया के समय तत्कालीन डीईओ करमन खटकर द्वारा अपने खास व्यक्ति विशेष को लाभ पहुंचाने नियम विरुद्ध प्राचार्य पद पर ग्राम बेलर में पदस्थ संजय कुमार एक्का की प्रतिनियुक्ति कर दी गई।

 

बिना अनुभव के पदस्थ हुए संजय एक्का

ज्ञात हो कि वर्तमान में पदस्थ प्राचार्य संजय कुमार एक्का जो पूर्व पूर्व में बेलर में पदस्थ थे वर्ष 2016 शिक्षाकर्मी वर्ग-02 में पदोन्नत होकर व्याख्याता बने एवं 2018 से 2020 तक विभागीय एम.एड किया तथा 01 जुलाई 2022 को उन्होंने प्राचार्य पद पर प्रतिनियुक्ति हेतु आवेदन किया। इस प्रकार हायर सेकण्डरी स्कूल में इनका अध्यापन का अनुभव 5 से भी कम है। साथ ही गड़बड़ी व अन्य शिकायत देखी गई। जबकि अन्य अभ्यार्थी द्वारा भी पूर्ण अनुभव के साथ आवेदन प्रस्तुत किया गया था, लेकिन कांग्रेस शासन काल मे भाई भतीजा वाद के चलते गलत तरीके से नियमों को दरकिनार करते हुए स्कूल के सेटअप को बिगाड़ कर और कम अनुभवी व्यक्ति की प्रतिनियुक्ति कर दी गई।

शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं

बताया जा रहा है कि अन्य अभ्यार्थी द्वारा कलेक्टर से लेकर जिला शिक्षा अधिकारी को आवेदन देकर विषय की जानकारी दी, यहाँ तक प्रभारी मंत्री को भी इस विषय से अवगत कराया गया, किंतु फिर भी शासन प्रशासन द्वारा किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की गई। शिक्षा विभाग द्वारा चल रहे भ्रष्टाचार के खेल से नाराज अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्रों द्वारा इसकी निंदा करते हुए कार्रवाई की मांग करते हुए मोर्चा खोल दिया है और तत्काल कार्रवाई और यथोचित न्याय की मांग कर रही है।

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