बस्तर

युवाओं को विकास की मुख्यधारा से जोडऩे पर बल
21-Feb-2024 10:17 PM
युवाओं को विकास की मुख्यधारा से जोडऩे पर बल

जगदलपुर, 21 फरवरी। कमिश्नर बस्तर संभाग श्याम धावड़े ने कहा कि बस्तर अंचल के माओवादी आतंक से प्रभावित बेहद संवेदनशील क्षेत्रों में समग्र विकास के लिए शासन ने नियद नेल्लानार अर्थात आपका अच्छा गांव योजना आरंभ की है। इसके माध्यम से उक्त क्षेत्रों के गांवों में अधोसंरचना विकास सहित मूलभूत सुविधाओं की सुलभता हेतु मिशन मोड पर कार्य करें और इस ईलाके के स्थानीय ग्रामीणों के सामाजिक एवं आर्थिक विकास को प्रोत्साहन देकर विकास की उजियारा को चहुंओर पहुंचाएं। कमिश्नर बस्तर श्री धावड़े मंगलवार को संभागायुक्त कार्यालय के सभागार में विभिन्न विभागों के सम्भागीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक के दौरान उक्त निर्देश दिए।

श्री धावड़े ने नियद नेल्लानार योजनान्तर्गत बस्तर अंचल के दंतेवाड़ा, सुकमा, बीजापुर, नारायणपुर एवं कांकेर जिलों में 16 नवीन कैम्पों के समीप स्थित 58 गांवों में विकास कार्यों को सुनिश्चित करने सहित ग्रामीणों को मूलभूत सुविधाओं को उपलब्ध कराने के लिए जोर दिया। उन्होंने इस दिशा में चिन्हित 32 योजनाओं एवं सेवाओं के कारगर क्रियान्वयन पर ध्यान केन्द्रित किये जाने की आवश्यकता बताई। साथ ही शिक्षा,स्वास्थ्य, पेयजल, सडक़, बिजली, मोबाइल टॉवर इत्यादि बुनियादी ढांचागत अधोसंरचना विकास कार्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के निर्देश दिए। ताकि बस्तर के इन माओवाद आतंकवाद प्रभावित क्षेत्रों के ये नए कैम्प सुरक्षा के साथ विश्वास और विकास के भी कैंप साबित हो सकें।

कमिश्नर श्री धावड़े ने स्वास्थ्य सेवाओं तथा चिकित्सा सुविधाओं की सुलभता की समीक्षा करते हुए बस्तर के मेडिकल कॉलेज में उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी ली और जगदलपुर मेडिकल कॉलेज में अभी हॉल ही में पदस्थ कार्डियोलॉजिस्ट की सेवाओं को इस अंचल के लिए पुनीत मानवीय सेवा निरूपित किया और मेडिकल कॉलेज में अन्य अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाओं को सुलभ कराने पर जोर दिया। उन्होंने अंदरूनी इलाकों के गांवों में स्वास्थ्य केंद्रों की स्वीकृति के अनुरूप भवन निर्माण सहित चिकित्सकीय सहायता हेतु चिकित्सकों एवं पैरामेडिकल स्टॉफ तथा मानव संसाधन और आवश्यक उपकरण की उपलब्धता इत्यादि की विस्तृत जानकारी प्राप्त कर मानव सेवा के इस पुनीत कार्य में संवेदनशीलता के साथ दायित्व निर्वहन किये जाने कहा।

कमिश्नर ने इन नवीन कैम्पों के समीपवर्ती गांवों में स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता पर ध्यान केन्द्रित करने पर जोर देते हुए कहा कि शासन की आयुष्मान भारत योजना के तहत सभी ग्रामीणों को आयुष्मान कार्ड प्रदाय सुनिश्चित किया जाये,ताकि इस ईलाके के जरूरतमन्द लोगों को उपचार सम्बन्धी समुचित सहायता मिल सके। उन्होंने गर्भवती महिलाओं के पंजीकरण, स्वास्थ्य जांच और उनकी संस्थागत प्रसव सुविधा हेतु मानवीय संवेदनाओं के साथ सेवाओं को बेहतर बनाने पर सम्बद्ध विभागीय अधिकारियों को समन्वय स्थापित कर पहल किये जाने कहा।

बस्तर अंचल के लिए नियद नेल्लानार योजना एक अलग नवाचार

शासन की नियद नेल्लानार योजनान्तर्गत निर्धारित कार्ययोजना के माध्यम से बस्तर संभाग के माओवादी आतंक प्रभावित क्षेत्रों में स्थापित किए गए 16 नये सुरक्षा कैंपों में नवाचार के रूप में कैम्पों के आसपास स्थित करीब 5 ग्रामों की मूलभूत आवश्यकता की दृष्टि से अधोसंरचना विकास एवं परिवारों के सर्वांगीण विकास के कार्य किए जा रहे हैं। उक्त दूरस्थ संवेदनशील क्षेत्रों के सम्बंधित ग्रामों में शासन की 32 व्यक्ति मूलक योजनाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के साथ ही 25 से अधिक मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराए जाने पर पूरा ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।

शिक्षा एवं युवाओं की जागरूकता सहित एक्सचेंज प्रोग्राम हेतु ज्यादा काम करने की जरूरत

कमिश्नर बस्तर ने शासन की मंशानुसार बस्तर की परिस्थितियों को मद्देनजर रखते हुए शिक्षा सुविधाओं की उपलब्धता तथा सुदृढ़ता के लिए अधिक ध्यान देने कहा और यहां की भौगोलिक विषमताओं के दृष्टिगत नवीन स्कूलों की स्थापना तथा शिक्षकों की व्यवस्था सुनिश्चित किये जाने के निर्देश दिए। वहीं जनजातीय युवाओं को जागरूक कर विकास की मुख्यधारा में सम्मिलित करने हेतु ट्रायबल यूथ एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत अंतरराज्यीय अध्ययन भ्रमण के जरिए सीखने-समझने का बेहतर अवसर सुलभ कराने कहा। वहीं इस ईलाके के युवाओं को स्थानीय जरूरतों एवं मांग के अनुरूप कौशल विकास प्रशिक्षण देकर स्वरोजगार से जोडऩे हेतु व्यापक पहल किये जाने कहा। इस दिशा में सम्बद्ध विभागों को समन्वित प्रयास किए जाने की आवश्यकता बताई।

चिन्हित जरूरतमंद परिवारों को नि:शुल्क मिलेगा खाद्यान्न-रसोई गैस और बिजली

कमिश्नर ने उक्त नवीन केम्पों से सम्बंधित ग्रामों  के चिन्हित जरूरतमन्द परिवारों को विशेष पिछड़ी जनजाति के समान प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास सुविधा, नि:शुल्क बिजली की सुलभता, सभी को राशनकार्ड सहित सभी को मुफ्त खाद्यान्न एवं अन्य जरूरी सामग्रियों की उपलब्धता और उज्जवला योजना से लाभान्वित किये जाने कहा। वहीं शासन की मंशानुरूप इन गांवों में आंगनबाड़ी केन्द्र, स्कूल,उप स्वास्थ्य केन्द्र के बेहतर संचालन के लिए सर्वेक्षण कर क्रियान्वयन पर जोर दिया। कमिश्नर ने उक्त ईलाके के पात्र ग्रामीणों को वनाधिकार पट्टा प्रदाय को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के लिए निर्देशित करते हुए इस दिशा में सम्बंधित विभागीय अधिकारियों को समन्वय के साथ कार्य किये जाने कहा। वहीं इन क्षेत्रों के सभी किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड प्रदान करने सहित पात्र किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजनान्तर्गत अनिवार्य रूप से लाभान्वित किये जाने के निर्देश दिए। उन्होंने इस ईलाके के किसानों को सिंचाई हेतु नलकूप सहित सोलर सिंचाई पम्प स्थापना के लिए अनिवार्य तौर पर सहायता देने कहा, वहीं उद्यानिकी, मत्स्यपालन एवं पशुपालन गतिविधियों से ग्रामीणों को लाभांवित किये जाने के निर्देश दिए। जिससे खेती-किसानी एवं आजीविका संवर्धन को बढ़ावा मिल सके। उन्होंने इन दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में मोबाईल टावर तथा इंटरनेट सुविधा के लिए समन्वित रूप से कार्य करने पर जोर दिया। वहीं उक्त अंदरूनी इलाकों के लोगों को ब्लाक-तहसील मुख्यालय तक सुगम आवागमन सुविधा उपलब्ध कराए जाने हेतु बस संचालित किए जाने की जरूरत निरूपित करते हुए इस दिशा में स्थानीय युवाओं की सहकारी समिति गठित कर उन्हें आवश्यक प्रशिक्षण एवं सहायता प्रदान करने कहा। साथ ही उक्त सभी ग्रामों को बारहमासी सडक़ से जोड़े जाने का भी लक्ष्य तय कर समन्वित पहल किए जाने के निर्देश दिए। कमिश्नर ने बुनियादी सुविधाओं तथा लोक सेवाओं की सुलभता के लिए इन ग्रामों में आयोजित जन सुविधा शिविरों में प्राप्त आवेदनों एवं जनसमस्याओं का निराकरण संवेदनशीलता के साथ शिविर स्थल में मौके पर ही यथासंभव किए जाने कहा। बैठक में डिप्टी कमिश्नर माधुरी सोम, अधिशासी निदेशक विद्युत वितरण कम्पनी श्री एस.के. ठाकुर, मुख्य अभियंता लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी श्री हेमराज मर्सकोले, महाप्रबंधक भारत संचार निगम लिमिटेड श्री शरतचंद्र तिवारी, अधीक्षण अभियंता लोक निर्माण जगदलपुर श्री डीएल टेकाम सहित छत्तीसगढ़ ग्रामीण सडक़ अभिकरण स्वास्थ्य, कृषि, शिक्षा इत्यादि विभागों के संभाग स्तरीय अधिकारी मौजूद थे।

ज्ञातव्य है कि बस्तर अंचल के इन संवेदनशील क्षेत्रों के ग्रामों के विकास के लिए शासन द्वारा 20 करोड़ रूपए तक की अतिरिक्त बजट की व्यवस्था की गई है। वहीं शासन भविष्य में आवश्यकता के अनुरूप बजट की उपलब्धता के लिए कटिबद्ध है। साथ ही योजनाओं के सतत लाभ के मूल्यांकन और मॉनिटरिंग के लिए डैशबोर्ड तैयार की गई है जिसके माध्यम से इसकी सतत समीक्षा की जाएगी।

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