बस्तर
पर्यटन पर कार्यशाला 23 -24 को
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 22 फरवरी। लाइमस्टोन की गुफाओं के लिए प्रसिद्ध कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में गुफाओं का सर्व अध्ययन और गुफा आधारित पर्यटन पर दो दिवसीय कार्यशाला 23 व 24 फरवरी को किया जा रहा है। यह कार्यशाला का आयोजन नेशनल केव रिसर्च एंड प्रोटक्शन ऑर्गेनाइजेशन के सहयोग से किया जा रहा है,
इस कार्यशाला में राष्ट्रीय उद्यान के नेचर गाइड, स्कॉलर्स, बस्तर से जियोलॉजिकल विभाग की विद्यार्थी शामिल होंगे। इस आयोजन में डॉक्टर जयंत विश्वास (नेशनल के रिसर्च एंड प्रोटक्शन ऑर्गेनाइजेशन ) भी शामिल होंगे। साथ ही विश्वनाथ राजन प्रशिक्षित गुफा विशेषज्ञ (नेशनल स्पेलियोलॉजिकल सोसाइटी अमेरिका) इस कार्यशाला में विषय विषेशज्ञ के रूप में उपस्थित रहेंगे।
राष्ट्रीय उद्यान के निदेशक धम्मशील गणवीर ने बताया कि कांगेर घाटी में कुटुमसर, कैलाश गुफा, दंडक गुफा के जैसे 15 से भी अधिक गुफाएं हैं जो राष्ट्रीय उद्यान की सुंदरता को बढ़ाती है। भूगर्भीय अध्ययन की दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण इन गुफाओं का महत्व इको टूरिज्म से माध्यम से पर्यटकों को कैसे अवगत कराया जा सकता है इसके लिए पार्क प्रबंधन सतत प्रयासरत है। इसी दिशा में यह एक कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है।
इस कार्यशाला में गुफा का कैसे अध्ययन किया जाए और सुरक्षित रूप से गुफा का अन्वेषण के लिए किन-किन उपकरण व तकनीकों की आवश्यकता होती है इस बारे में स्थानीय गाइड व जियोलॉजिकल विभाग की विद्यार्थियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। गुफा साथी गुफा आधारित पर्यटन में क्या सावधानियां बरतनी है इस संबंध में चर्चा की जाएगी।