रायगढ़
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 22 फरवरी। रायगढ़ जिले के गेरवानी सराईपाली क्षेत्र में स्थित मेसर्स रायगढ़ इस्पात एंड पावर प्राइवेट लिमिटेड ने जिस तरह अपने स्थापना के समय झूठा ईआईए रिपोर्ट पेश किया था ठीक उसी तरह फर्जी ईआईए के आधार पर अपना विस्तार करने जा रहा है। जिसके विस्तार की जनसुनवाई 20 मार्च को रखी गई है।
रायगढ़ इस्पात एंड पावर प्राइवेट लिमिटेड प्रबंधन ने सराईपाली में अपना प्लांट लगाने के समय प्रभावित गांवों और स्थानीय लोगों को नौकरी देने कहा था साथ ही क्षेत्र का विकास करने का वायदा किया था, लेकिन जरवानी समेत आसपास की आधा दर्जन गांव के लोग भयंकर प्रदूषण खस्ता हाल सडक़ और बेरोजगारी से हलाकान है।
यह क्षेत्र हाथी प्रभावित क्षेत्र में आता है कई बार हाथियों ने लोगों पर हमला किया है तो वन विभाग ने हाथियों के आवागमन कुछ उम्मीद भी किया है बावजूद इसके फर्जी आई रिपोर्ट के आधार पर रायगढ़ इस्पात ने अपना प्लांट लगा लिया, लेकिन लोगों से किए गए वादे पूरे नहीं किए। याने कंपनी ने झूठ पर झूठ बोला और सिर्फ मुनाफा कमाना ही अपना ध्येय बनाया। आज कंपनी करोड़ों अरबो कमा चुकी है इसके बाद भी कंपनी ने फर्जी ईआईए रिपोर्ट बनाकर अब अपने विस्तार की कार्रवाई शुरू कर दी है। इस बार के ईआईए रिपोर्ट में भी ना तो हाथी का जिक्र है, और न ही प्रदूषण की स्थिति के बारे में बताया गया है। केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय आंखों में धूल झोंक कर प्लांट प्रबंधन फर्जी रिपोर्ट पेश कर हर बार अपनी जीत तय कर लेता है लेकिन इस बार प्लांट के विस्तार को लेकर ग्रामीणों में जबरदस्त विरोध देखा जा रहा है।
20 मार्च को गेरवानी के पास सिंधु फार्म के बगल से लगे मैदान में इस प्लांट की जनसुनवाई होनी है। ग्रामीणों की माने तो इस बार रायगढ़ इस्पात की जनसुनवाई होने नहीं देंगे, जब तक प्लांट प्रबंधन सही ईआईए रिपोर्ट पेश नहीं करता और स्थापना के समय लोगों से किए गए फायदे को पूरा नहीं करता। तब तक जनसुनवाई नहीं होने दिया जाएगा।
गेरवानी सरायपाली एरिया भयंकर प्रदूषण की चपेट में है। नदी नाले, पेड़ पौधे, खेत खलियान सभी प्रदूषित होकर काले पड़ गए हैं। केलो नदी में भी इन प्लांटों का कचरा और प्रदूषण जा रहा है, लेकिन कंपनी प्रबंधन से मिली भगत कर प्रशासन ऐसे प्रदूषणकारी उद्योगों का विस्तार करवाने में तुला हुआ है।