महासमुन्द
पं. श्यामलाल चतुर्वेदी जयंती समारोह में जुटे साहित्यकार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 23 फरवरी। छत्तीसगढ़ी साहित्य समिति महासमुंद द्वारा माटी रतन सम्मान से धमतरी के हास्य व्यंग्य कवि सुरजीत नवदीप और चांटीपाली बरमकेला सारंगढ़ के वरिष्ठ साहित्यकार एवं भाषाविद् डा. बिहारी लाल साहू को विभूषित किया गया।
इस अवसर पर ग्राम कांपा तुमगांव निवासी लक्ष्मण सिंह तारक रचित छत्तीसगढ़ी देवी जसगीत पुस्तक का विमोचन हुआ। छत्तीसगढ़ के विभिन्न क्षेत्रों से पहुंचे कवि. लेखक व उपस्थित काव्यानुरागियों का छत्तीसगढ़ी भाषा के प्रति प्रे, एनिष्ठा व सम्मान के भाव ने जिला स्तरीय इस आयोजन को प्रांतीय रूप दे दिया।
बीते मंगलवार 20 फरवरी को कोडारबांध खल्लारी माता मंदिर परिसर में आयोजित साहित्यिक सम्मेलन के मुख्य अतिथि हास्य व्यंग्य विधा के सुपरिचित कवि रामेश्वर वैष्णव रायपुर थे। उन्होंने हास्य व्यंग्य के अपने चिरपरिचित अंदाज में कहा कि-मैं दिल से छत्तीसगढ़ी,दिमाग से हिन्दी और जब झूठ बोलना रहता है तो अंग्रेजी में बोलता हूं। मां खल्लारी का आशीष और आप सबका मया-प्रेम मुझे यहां खींच लाया है। उन्होंनं कहा कि छत्तीसगढ़ राज भाषा आयोग के प्रथम अध्यक्ष पद्मश्री पंडित श्यामलाल चतुर्वेदी जीवन पर्यन्त छत्तीसगढ़, छत्तीसगढ़ी और छत्तीसगढिय़ों के स्वाभिमान को जगाने का काम करते रहे। हर छत्तीसगढिय़ा को उनके इस चिंतन को जीना चाहिए।
इस दौरान सुरजीत नवदीप जैसे संत कवि और निश्छल भाव के साहित्यकार, भाषाविद् डा. बिहारीलाल साहू को माटी.रतन सम्मान से विभूषित किया गया। देश के अन्य हिस्सों में सुरजीत नवदीप की पीली पगड़ी छत्तीसगढ़ की पहचान है। पृथक छत्तीसगढ़ के मुद्दे को जीवंत बनाये रखने वे हमेशा मुखर रहे। इसी तरह सम्मानित डा. बिहारीलाल साहू ग्यारह सौ से अधिक छत्तीसगढ़ी पहेलियां संग्रहित कर उल्लेखनीय कार्य कर छत्तीसगढ़ी भाषा को समृद्ध किया है।
इस अवसर पर अध्यक्षता करते हुए नगर पंचायत तुमगांव के अध्यक्ष राकेश चंद्राकर ने कहा कि साहित्यकार दीपक की तरह होते हैं जो खुद जलकर समाज में उजियारा फैलाते हैं। उन्होंने महासमुंद क्षेत्र को उर्वरा धरती बताते हुए कहा कि यह आयोजन हमेशा याद रहेगा। छत्तीसगढ़ी को समृद्ध करने की दिशा में साहित्यकारों का प्रयास प्रशंसनीय है।
डॉ.सुरजीत नवदीप ने हास्य विनोदपूर्ण माहौल में अपने सफेद बालों की ओर इशारा करते हुए कहा कि हमने काला धन को सफेद किया है.. जवानी तुझे सलाम करते हैं, बुढ़ापा तुम्हें प्रणाम करते हैं। छत्तीसगढ़ी साहित्य के डा. बिहारीलाल साहू ने छत्तीसगढ़ी साहित्य में पंडित श्यामलाल चतुर्वेदी के योगदान का स्मरण करते हुए उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला।
हास्य व्यंग्य कवि चन्द्रशेखर शर्मा ने सुरजीत नवदीप एवं डा.भूपेन्द्र सोनी ने डॉ.बिहारीलाल साहू के व्यक्तित्व और कृतित्व का पठन किया। समिति के संरक्षक शशिकुमार शर्मा, दाऊलाल चन्द्राकर एवं अन्य पदाधिकारियों ने अतिथियों को खादी गमछा, नारियल व स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया। अतिथियों के करकमलों से समीपस्थ ग्राम कांपा निवासी लक्ष्मण सिंह तारक के छत्तीसगढ़ी देवी जसगीत संग्रह का विमोचन हुआ।
संग्रह प्रकाशन पर श्री तारक के छत्तीसगढ़ी लेख का पठन बन्धु राजेश्वर खरे ने किया। श्री तारक ने देवी जसगीत का सस्वर पाठ किया। इस अवसर पर वक्ताओं ने छत्तीसगढ़ी भाषा के विद्वजन डॉ.नरेन्द्र देव वर्मा, नारायण लाल परमार, त्रिभुवन पाण्डेय, पवन दीवान, स्वामी कृष्णा रंजन, मुकिम भारती, मुकुन्द कौशल, सुशील यदु, लक्ष्मण मस्तुरिया का पुण्य स्मरण किया। बतौर विशेष अतिथि नगर पंचायत तुमगांव के उपाध्यक्ष पप्पू पटेल, कवियित्री आशा मानव, राजकुमार धर द्विवेदी, शशांक खरे, संजय शर्मा कबीर मंचस्थ रहे। इस सत्र का संचालन प्रख्यात कवि रूपेश तिवारी ने काव्यशैली में किया।
इस अवसर पर जिला स्काउड गाईड के जिलाध्यक्ष ऐतराम साहू, किशोर चन्द्राकर अध्यक्ष जय माँ खल्लारी मंदिर सेवा समिति, लक्ष्मीचंद देवांगन जिला अध्यक्ष देवांगन समाज, यशवंत सिन्हा, चमन साहू अध्यक्ष विकास समिति अयोध्यानगर, रामकुमार साहू एच आर साहू, शिवकुमार साहू, रविशंकर चन्द्राकर सिसदेवरी, डेरहूराम साहू, द्रोणाचार्य तारक, मेघनाथ साहू, हीरूराम निर्मलकर ग्राम कांपा सहित काफी संख्या में लोग उपस्थित रहे।