महासमुन्द
![अंधविश्वास का मूल कारण तार्किक क्षमता का अभाव-हेमन्त अंधविश्वास का मूल कारण तार्किक क्षमता का अभाव-हेमन्त](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1708709433GLOGO.jpg)
विज्ञान दिवस पखवाड़ा के तहत जिले में विविध कार्यक्रम
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
पिथौरा, 23 फरवरी। ऑल इंडिया पीपुल्स साइंस नेटवर्क के आह्वान पर देशव्यापी वैज्ञानिक चेतना अभियान की श्रृंखला में छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा द्वारा 12 से 24 फरवरी तक पूरे राज्य में विज्ञान दिवस पखवाड़ा का आयोजन किया जा रहा है।
इसी तारतम्य में शासकीय उच्च प्राथमिक शाला कसहीबाहरा में विज्ञान दिवस पखवाड़ा कार्यक्रम के तहत अंधविश्वास और निवारण विषय पर निबंध स्पर्धा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ स्कूली बच्चों द्वारा गाए विज्ञान गीत पेड़ है सांसे, पेड़ है जीवन से हुआ।
कार्यक्रम संयोजक एवं छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा के प्रांतीय उपाध्यक्ष हेमन्त खुटे ने इस अवसर पर बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि अंधविश्वास का मूल कारण वैज्ञानिक दृष्टिकोण की कमी व तार्किक क्षमता का अभाव है। अंधविश्वास से बचने के लिए अपने अंदर वैज्ञानिक सोच विकसित करें। तार्किक बने एवं जीवन मे हमेशा वैज्ञानिक नजरिया रखें।
संस्था की शिक्षिका तबस्सुम ने कहा कि किसी भी काल्पनिक व तर्कहीन बाते अथवा किवदंतियों पर हमें आंख बंदकर विश्वास नहीं करना चाहिए। तर्क की कसौटी पर जांचने-परखने के बाद ही सही पाए जाने पर उस पर अमल करना चाहिए।
बच्चों ने भी अपने निबंध में अंधविश्वास का मुख्य कारण शिक्षा का अभाव को रेखांकित करते हुए इसके निवारण हेतु शिक्षा पर विशेष बल दिया।
निबंध स्पर्धा में प्रथम तीन स्थान पाने वाले विद्यार्थियों को 28 फरवरी राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के मौके पर प्रमाण पत्र विज्ञान सभा द्वारा प्रदाय की जाएगी।
ज्ञात हो कि महासमुंद जिला के कई विद्यालयों में विज्ञान दिवस पखवाड़ा का आयोजन किया गया है जिसमें विज्ञान कार्यकर्ता एम के साहू के संयोजन में अठारहगुड़ी, अजय भाई व प्रेम साव के संयोजन में अरेकेल,पुरुषोत्तम नगर,बड़े साजापाली,बिछिया, बिजराभांठा , बिरनडबरी, जमदरहा तथा छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा के कार्यकारी अध्यक्ष विश्वास मेश्राम के निर्देशन व मार्गदर्शन में विज्ञान आश्रम कसेकेरा,परसुली, नर्रा,कोमाखान आदि जगहों के स्कूल शामिल हंै।